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डैंड्रफ होने के मुख्य लक्षण, कारण और कैसे पाएं निदान ?

डैंड्रफ एक सामान्य विकार है, जिसकी वजह से सिर की त्वचा पपड़ीदार बनने लग जाती है | रुसी की वजह से सिर में काफी खुजली होती है और बाल झड़ने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है | यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब सिर के त्वचा की कोशिकाओं काफी बढ़ जाती है | स्कैल्प यानी सिर की त्वचा में सिबेशियस ग्रंथि मौजूद होती है, जो स्कैल्प को नरम और मुलायम रखने के लिए सीबम का स्त्राव करती है | सीबम के अधिक मात्रा में उत्पादन होने के कारण यह त्वचा को तैलीय कर देते है, जिसके चलते स्कैल्प पर खुजली होने लग जाती है | सिर की त्वचा में आये इस तरह के बदलाव से कई तरह के त्वचा से जुड़े रोग होने का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें से एक है डैंड्रफ | 

 

आमतौर पर यौवनावस्था के बाद ही बहुत से लोगों को डैंड्रफ की समस्या होने लग जाता है और जिसके मामले सबसे अधिक पुरुषों में पाए जाते है | सिबोरिया होने के लक्षणों में भी रूसी हो सकती है | सिबोरिया होने से त्वचा लाल हो जाती है और उनमें काफी जलन होने लग जाता है | डैंड्रफ के इलाज के लिए होम्योपैथी में कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति डैंड्रफ की समस्या से पीड़ित है तो इलाज के लिए आप डॉ सोनल हीलिंग  विद होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है | आइये जानते है डैंड्रफ होने के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :- 

डैंड्रफ होने के मुख्य लक्षण 

डैंड्रफ होने के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है :- 

 

  • सिर की त्वचा यानी स्कैल्प और बालों का सफ़ेद या फिर भूरे रंग की परत होना 
  • स्कैल्प पर बार-बार खुजली होना 
  • स्कैल्प में सूखापन होना 
  • बालों का लगातार झड़ना 
  • सिर की त्वचा से सफ़ेद रंग के पाउडर की तरह गिरना 
  • सिर की त्वचा में लाल और चिकने धब्बे का दिखाई देना 
  • स्कैल्प में तनाव होने का महसूस होना 
  • स्कैल्प, बालों, भौहों, दाढ़ी, मूछों पर या फिर अपने कंधों और पीठ की ऊपरी त्वचा में गुच्छों का दिखाई देना   आदि | 

 

डैंड्रफ होने के मुख्य कारण 

सिर में डैंड्रफ कई कारणों से उत्पन्न हो सकते है, जिनमें शामिल है :- 

 

यीस्ट मालासेजिया 

यह एक फंगस की तरह होता है, जो अधिकतर लोगों के सिर में ही होता है | यह सीबम पर ही पनपता है और फैटी एसिड से बनता है, जिससे स्कैल्प में लगातार खुजली होने लग जाती है |   

 

त्वचा की कोशिकाएं 

त्वचा हमारी पुरानी कोशिकाओं के बहाने का काम करती है, जब यह कोशिकाएं सिर और बालों से निकलने वाले तेल से जाकर मिलकर जम जाती है, तो इससे रूसी होने लग जाती है | 

 

शुष्क त्वचा का होना 

सुखी त्वचा होने के कारण भी रूसी होने की समस्या हो सकती है | 

 

अनियमित बालों की देखभाल करना 

बालों का गलत तरीकों से ख्याल रखने से जैसे की गलत दिनचर्या में बालों को धोना, ज्यादा या फिर कम मात्रा में शैम्पू का उपयोग करना और बालों को बार-बार न धोना, रूसी होने के मुख्य कारण बन सकते है |      

 

थायराइड की समस्या का होना 

थायराइड की समस्या होने से भी सिर की त्वचा काफी रूखी हो जाती है, जिससे रूसी हो सकती है | 

 

तनाव और मानसिक स्वास्थ्य का ख़राब होना 

अत्यधिक तनाव में रहने से और ख़राब मानसिक स्वास्थ्य भी रुसी होने का कारण बन सकते है | 

 

रूसी से छुटकारा पाने के लिए आप कटोकोनाज़ोल, सेलेनियम सल्फाइड या फिर जिंक युक्त शैम्पू का इस्तेमाल कर सकते है, पर ध्यान रहे किसी तरह के नुस्खे को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श कर लें | आइये जानते है होम्योपैथी में डैंड्रफ का कैसे किया जाता है इलाज :- 

 

होम्योपैथी में कैसे किया जाता है डैंड्रफ का इलाज ? 

होम्योपैथी उपचार केवल एक ऐसा उपचार है, जो व्यक्ति को सामान्य रूप से ठीक कर देता है | आसान भाषा में बात करे तो होम्योपैथिक उपचार पूरे रोगी पर और उनकी विक्षिप्त स्थिति पर ध्यान अधिक केंद्रित करता है | होम्योपैथिक दवाओं को निर्धारित करने से पहले रोगी के स्थिति की अच्छे से जांच-पड़ताल की जाती है, इसके बाद ही स्थिति अनुसार होमियोपैथ डॉक्टर दवाओं को निर्धारित करता है, जिसमें रोगी के मेडिकल इस्तिहास, शरीरिक और मानसिक संरचना शामिल होते है | 

यदि आप में से कोई भी डैंड्रफ की समस्या से परेशान है और कई संस्थानों या फिर घरेलू उपचार करने के बाद भी आपकी स्थिति पर किसी भी तरह का सुधार नहीं आ रहा है तो डैंड्रफ होम्योपैथी इलाज के लिए आप डॉक्टर सोनल जैन से परामर्श कर सकते है | डॉ सोनल हीलिंग विद होम्योपैथी की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन मुंबई के बेहतरीन होमियोपैथ में से एक है, जो अपने मरीज़ों पिछले 18 सालों से होम्योपैथिक उपचार के ज़रिये सटीकता से इलाज कर रही है | इसलिए आज ही डॉ सोनल हीलिंग विद होम्योपैथी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और इलाज के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से बात कर सकते है |        

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homeopathy Paediatric Care

How Homeopathic Treatment Can Help with Child’s Growth Problems

Every parent wants the best for their child, especially in terms of growth and development. Growth problems in children can be a reason for worry for some guardians, driving them to investigate different treatment choices. One such alternative methodology that has acquired significant popularity is homeopathic treatment. With its holistic standards and natural cures, homeopathy offers a gentle and effective solution for addressing a child’s growth problems.

In this blog, we will dive into how homeopathic treatment can support and upgrade your child’s growth. If you’re in Mumbai and looking for reliable homeopathic care, Dr. Sonal Mehta’s homeopathic clinic is here to direct you on this transformative excursion.

Understanding Homeopathy:

A Holistic Way to Deal with Health Homeopathy is a natural system of medication that expects to invigorate the body’s inborn abilities to mend. It depends on the standard that a substance that can cause symptoms in a healthy individual can likewise be utilized to treat comparable symptoms in an unwell individual. Homeopathy perceives the uniqueness of every individual and treats the individual overall, considering their physical, profound, and mental perspectives.

  1. Promoting Growth and Development Naturally: Homeopathy offers a gentle and natural way to deal with advanced ideal growth and development in children. The homeopathic cures are gotten from natural substances like plants, minerals, and creatures, ready in an exceptionally weakened structure. These cures work by invigorating the body’s fundamental power, improving its intrinsic capacity to restore balance and advance healthy growth.
  2. Individualized Treatment for Unique Needs: One of the essential qualities of homeopathy is its individualized way to deal with treatment. The homeopathic doctor in Mumbai, Dr. Sonal Mehta, carefully surveys the child’s overall health, growth patterns, and specific worries prior to recommending a customized treatment plan. This personalized methodology addresses the underlying reasons for the growth issue, instead of simply easing the symptoms.
  3. Holistic Care for Enhanced Well-being: Homeopathy centers around holistic care, taking into account the physical symptoms as well as the profound and mental well-being of the child. The homeopathic cures are picked in view of an exhaustive understanding of the child’s personality, temperament, and emotional state. By addressing the profound perspectives related to growth problems, homeopathy expects to restore balance and advance overall well-being.
  4. Safe and Gentle Treatment for Children: One of the significant benefits of homeopathy is its safety profile, particularly for children. The cures are non-toxic, non-addictive, and liberated from incidental effects, making them appropriate for children, everything being equal. Homeopathy offers a gentle methodology without compromising the child’s overall health and well-being. It very well may be safely utilized alongside traditional treatments, giving a reciprocal and integrative way to deal with care.

Conclusion:

Homeopathic treatment has arisen as a safe, gentle, and effective way to deal with address growth problems in children. With its holistic standards and individualized care, homeopathy offers a complete arrangement that sustains your child’s growth naturally. Dr. Sonal Mehta’s homeopathic clinic in Mumbai gives master direction and personalized treatment intends to help your child’s ideal growth and development. By embracing the power of homeopathy, you can allow your child the best opportunity to flourish and arrive at their maximum capacity.

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Hair Loss Hair treatment homeopathy

Understanding Alopecia Areata: Causes, Symptoms and Homeopathic Remedies

The loss of hair in round or oval patches from the scalp or other areas, including the beard, eyebrows, etc., is known as alopecia areata. Typically, the size of bald patches is around a one- or five-rupee coin. Although it is uncommon, some people may also have complete hair loss. It can be extremely upsetting to have bald spots on one’s head, beard, and eyebrows.

About 1% of people have alopecia areata at any given moment, making it a reasonably common skin condition. Alopecia areata is reversible in contrast to other types of hair fall because the follicles—the structure that surrounds the hair root—are unharmed. Other than that, alopecia areata has no effect on a patient’s health. When hair begins to fall out, few individuals complain of itching. It doesn’t cause any bodily discomfort.

Alopecia Areata: What is it?

Alopecia areata is the term for patchy hair loss. Alopecia areata often affects the scalp, although it can affect any portion of the body where hair grows. The term ‘Barbae’ is used when the alopecia areata affects the beard hair. Alopecia areata is one of the many autoimmune disorders that homoeopathy, a sophisticated science, treats. Homoeopathic treatments are effective in halting the appearance of bald areas and promoting hair growth. Since homoeopathic remedies for alopecia areata come from natural sources, there is little chance of adverse consequences.

 

Alopecia Areata Causes

An autoimmune condition is alopecia areata. This disorder causes bald patches as the body’s defence cells begin to damage hair follicles due to a misguided response. Alopecia areata is mostly influenced by genetics and heredity. People with alopecia areata frequently talk about a family member who has the same disorder.

 

Alopecia Areata Symptoms and Signs

Bald patches are a symptom of alopecia areata. This problem can affect any part of the body with hair; most frequently, the scalp and beard are affected by alopecia areata. One or more bald patches could be present. Typically, the patches are smooth to the touch and spherical in shape.

 

Homoeopathic Treatment for Alopecia Areata

Homeopathic is the best solution and a very effective treatment in dealing with alopecia areata. Homeopathic remedies help to treat hair falls and affect our bodies by optimizing our immune systems. Certain medications used in homoeopathy: Flouricum acid and phosphorus are often and very effectively treating this problem; take consultation while going to use any medication. Moreover, homoeopathy treatment highly reduces the chances of a problem occurring again.

Medicines used  in Homeopathic  treatment:

  1. For itching and burning of the scalp, —Arsenic Album is an effective treatment for alopecia areata. These symptoms irritate at night, and the scalp is also sensitive in some cases.
  2. Another useful homeopathic treatment for alopecia areata — Vinca minor, is a useful medicine to treat hair fall, especially when the inclination of hair falls in the spot, which is then replaced by white hair. Alongside itching and scratching are also present symptoms of alopecia areata.
  3. The medicine that is prominently used by young people to treat alopecia areata is Baryta carb; it is used to recover from bald patches on the scalp.  The other one is Lycopodium, which helps to recover from bald patches on temples, and Silicea is another homoeopathy treatment that is used by young people to treat hair fall, the treatment for alopecia areata occurring on the back of the scalp.
  4. An excellent homeopathic medicine to treat alopecia areata is Fluoric acid. It helps in regrowth of hair on bald patches. It is a very effective method for treating hair fall.
  5. Phosphorus is an excellent medicine used to treat alopecia areata.  Phosphorus works well for people who are suffering from bald patches. It is also wonderful for treating dandruff and itchiness. A person may crave cold drinks that have low phosphorus.

 

Lastly, if you also suffer from the problem of hair fall, you can go for homoeopathic treatment. Homeopathy treatment gives you a long-lasting treatment of hair loss. If you are looking for the best homoeopathic treatment, then Dr. Sonal’s Homoeopathy Clinic has years of experience in the homoeopathy field. Dr Sonal believes in providing the best solutions that enhance a person’s immunity and help patients free themselves from 80% of disease. Get the best consultation for hair treatment.

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Chicken pox treatment homeopathy

चिकन पॉक्स क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण, कारण और कैसे करें इस समस्या का इलाज ?

क्या आपके के घर में या फिर आप में से कोई भी व्यक्ति शरीर में लाल धब्बे के कारण हो रही खुजली से परेशान है ? यदि हाँ है तो यह चिकन पॉक्स या फिर चेचक की समस्या हो सकती है | कई लोगों का यह मानना है कि चेचक की समस्या केवल बच्चों को ही प्रभावित करता है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, चेचक छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक किसी भी वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है | आइये जानते है चिकन पॉक्स के बारे में विस्तार पूर्वक से :- 

 

चिकन पॉक्स क्या होता है ? 

 

चिकन पॉक्स को चेचक या फिर मेडिकल टर्म्स में इसे वैरिसेला-जोस्टर के नाम से जाना जाता है | यह एक प्रकार का संक्रमण होता है, जो खुजली वाले और छाले जैसे त्वचा के दाने के कारण उत्पन्न होता है | यह संक्रमण दो तरह की होते है, पहला छोटी माता यानी छोटी चेचक और दूसरी है बड़ी माता यानी बड़ी चेचक | इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति को छाले-फोफले, खुजली के दाने और बुखार हो सकता है | यह चेहरे, पीठ और पेट पर सबसे पहले दिखाई देते है और यह धीरे-धीरे पूरे शरीर की त्वचा में फैलने लग जाते है |  यदि इस समस्या का सही समय पर इलाज न करवाया तो यह स्थिति को गंभीर कर सकता है | आइये जानते है चिकन पॉक्स के मुख्य लक्षण और कारण क्या है ? 

चिकन पॉक्स के मुख्य लक्षण क्या है ? 

 

  • खुजली वाले दानों का उत्पन्न होना 
  • अत्यधिक उल्टी का होना 
  • बुखार के साथ सिरदर्द 
  • दानों का धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलना 
  • पूरे शरीर में दर्द होना 
  • गर्दन में अकड़न
  • खांसी और थकान 
  • गले में खराश की समस्या 
  • मांसपेशियों का ढीला पड़ना 
  • भूख की कमी होना 
  • मुंह में घाव होना 

 

चिकन पॉक्स के मुख्य कारण क्या है ?

 

चिकन पॉक्स वैरिसीले-जोस्टर के कारण उत्पन्न होता है | यह संक्रमण नाक और गले में रहता है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या केवल बात करने फ़ैल सकता है | इसके मुख्य कारण है :- 

 

  • संक्रमित व्यक्ति के छालों, लार या फिर बलगम को सीधे छू लेना  | 
  • संक्रमित व्यक्ति के दूषित वस्तुओं के संपर्क में आना  |    
  • दाद से पीड़ित व्यक्ति के छालों के संपर्क में आना | 

चिकन पॉक्स से कैसे पाएं निदान ? 

 

चिकन पॉक्स से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर बिस्तरे में पूरी तरह से आराम करने को और गुनगुने पानी से नहाने की सलाह दी जाती है, जिससे खुजली की समस्या से काफी हद तक राहत मिल जाती है | लेकिन आपको बता दे, ऐसे कुछ प्रभावी होमेओपेथिक उपचार मौजूद है, जो चिकन पॉक्स के इलाज के लिए बेहद कारगर सिद्ध है | चूँकि ऐसा माना जाता है की होमेओपेथिक उपचार से किसी भी तरह के संक्रमण बीमारों का इलाज बिना किसी दुष्प्रभावों के आसानी से किया जा सकता है | 

यदि आप में कोई भी व्यक्ति चिकन पॉक्स की समस्या से पीड़त है तो इलाज में डॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होमेओपेथिक में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 18 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रही है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही डॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी की ओफिसिअल वेबसाइट पर जाएं और अपनी नियुक्ति को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है | 

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मिस आरती शिंदे ने बताया की कैसे होम्योपैथी द्वारा किया गया उनके पाइल्स की समस्या का इलाज

डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट एक वीडियो द्वारा एक मरीज़ ने यह बताया की उनका नाम मिस आरती शिंदे और वह पिछले एक-डेढ़ साल से पाइल्स की समस्या से जूझ रही थी | उन्हें पेट में काफी जलन और सूजन समस्या की हमेशा शिकायत रहती थी | इसलिए एक महीने पहले वह डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी में अपना इलाज करवाने आये थे | इस संस्था की डॉक्टर सोनल जैन ने काफी अच्छे से उनकी परशानी को समझा और जाँच-पड़ताल के बाद पाइल्स की समस्या का इलाज के लिए उन्हें एक महीने तक की होम्योपैथी दवा और मलहम की क्रीम निर्धारित कर दिया | 

 

होम्योपैथी दवाओं के सेवन के कुछ ही दिनों बाद उनकी स्थिति में काफी सुधार आने लग गया और अब वह 70 प्रतिशत तक ठीक भी हो गयी है | इसलिए आज वह फिर से डॉक्टर सोनल जैन के पास अपना इलाज कराने आयी है, ताकि वह पूर्ण रूप से ठीक हो सके | इसलिए वह डॉक्टर सोनल जैन का तेह दिल से इलाज के लिए शुक्रिया करना चाहते है और साथ में यह भी कहना चाहते है की यदि कोई भी व्यक्ति ऐसा ही परिस्थिति से गुजर रहा है तो उनकी सलाह यही है कि वह व्यक्ति अपना इलाज डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी से ही करवाएं | 

यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहा है और एलॉपथी इलाज करवाने के बाद भी उनकी स्थिति में किसी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसके लिए आप डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन ने होम्योपैथी उपचार में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 18 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीक इलाज कर रही है | इसलिए आज ही डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |       

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मिस आरती रोबिन ने बताया डॉक्टर सोनल ने कैसे किया डरमोइड सिस्ट का होम्योपैथी से इलाज ?

डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से होम्योपैथी दवाओं से मिले सफलतापूर्वक इलाज के बारे में बताते हुए एक मरीज़ ने यह कहा की उनका नाम आरती रोबिन है | इस संस्था के बारे में उन्हें सर्च इंजन में रिसर्च के दौरान पता चला था, जहां उन्हें वेबसाइट में बने समीक्षा अनुभाग में इस संस्था के बारे में जाना की कैसे यह होम्योपैथी दवाओं के माध्यम से सभी मरीज़ों का सटीक इलाक़ कर रहे है | इसी से प्रेरित होकर उन्होंने डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी से इलाज करवाने का निर्णय लिया | 

 

जब पहली बार उनकी मुलाकात डॉक्टर सोनल जैन से हुई तो डॉक्टर ने एक से डेढ़ घंटे का समय लिया उनकी परेशानी को समझने का | सबसे खासियत वाली बात तो यह है की डॉक्टर सोनल जैन ने उनके बचपन से अब तक के पूरे इतिहास के बारे पुछा जैसे की उन्हें पहले कोई समस्या तो नहीं थी, कोई मेजर ऑपरेशन तो नहीं हुआ है और भी कई ऐसे बातों को जानने का प्रयास किया, जो उन्हें काफी प्रभावशाली लगा, क्योंकि यहाँ आने से पहले उन्होंने कई डॉक्टरों से अपना इलाज करवाया है, लकिन डॉक्टर सोनल जैन जैसे व्यवहार आजतक उन्हें और कहीं से भी देखने को नहीं मिला था |  

डॉक्टर सोनल जैन ने न केवल उनकी समस्याओं को भी समझा बल्कि इस समस्या का उपचार भी किया | इस समस्या के इलाज के लिए डॉक्टर ने कुछ होम्योपैथी दवाएं निर्धारित की थी | हालाँकि शुरुआत दिनों में उन्हें दवाओं के सेवन से काफी संदेह हो रहा था, लेकिन सेवन के कुछ ही हफ़्तों बाद डरमोइड सिस्ट से होने वाले प्रभाव काफी कम होने लग गए थे | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखिए | इसके अलावा आप डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट र सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है |      

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की समस्या से जूझ रहा है और एलोपैथी इलाज कराने के बाद भी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा तो होम्योपैथी इलाज के लिए आज ही डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |      

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फैटी लीवर क्या है ? जाने होम्योपैथिक उपचार से कैसे किया जा सकता है फैटी लीवर का इलाज

डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल मे पोस्ट एक यूट्यूब शोर्टस के माध्यम से यह बताया कि हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद लीवर शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है, जो भोजन को पचाने, शरीर के ऊर्जा को जमा करने और शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है | यदि बात करें तो फैटी लीवर की यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमे अनियमित रूप से वसा लीवर में जमा होने लग जाते है | दरअसल लीवर में मौजूद वसा की मात्रा यदि बहुत कम है तो यह सामन्य-सी बात होती है ओर इससे किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होता, लेकिन अगर लीवर में मौजूद वसा इसके वजन से 5 प्रतिशत अधिक है तो इस समस्या को फैटी लीवर या फिर वसायुक्त कहा जाता है | 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह भी बताया की फैटी लीवर दो प्रकार के होते है, पहला है नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर और दूसरा है अल्कोहलिक फैटी लीवर | आइये जानते है दोनों में क्या अंतर है :- 

 

  • नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर :- यह समस्या भी दो प्रकार के होते है पहला जो साधारण फैटी लीवर की समस्या होती है, उसमे बिना लीवर की कोशिकाओं में सूजन के वसा एकत्रित होने लग जाते है, साथ ही इसकी जटिलताओं का जोखिम खतरा भी बहुत कम होता है और जो दूसरा नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर होता है उसे स्टीटोहेपेटाइटिस के नाम से से भी जाना जाता है, जो लीवर की कोशिकाएं में सूजन और लीवर को अन्य नुकसान भी पहुंचाने लग जाता है |

 

  • अल्कोहलिक फैटी लीवर :- जो व्यक्ति शराब और धूम्रपान जैसे नशीली पदार्थों का सेवन सबसे अधिक करता है वह  अल्कोहलिक फैटी लीवर का शिकार हो जाता है | 

 

यदि आप भी फैटी लिवर जैसी समस्या से गुज़र रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक उपचार में स्पेशलिट है,  जो होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग कर इस समस्या को कम करने में आपकी पूरी तरह से मदद कर सकते है | इसलिए डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी की वेबसाइट पर जाएं  और आज ही अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें या फिर वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते  है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी पूरी जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है |

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क्या होम्योपैथी दवाएं कर सकती है अस्थमा का इलाज, जानें एक्सपर्ट्स से क्या है इस पर उनकी राय

अस्थमा व्यक्ति के शरीर के श्वसन प्रणाली से जुड़ी एक गंभीर बीमारी होती है | वैसे तो यह बीमारी जीन के द्वारा बच्चों में आ जाती है, लेकिन आजकल के बदलती लाइफस्टाइल के कारण कई लोग इस बीमारी का शिकार भी हो रहे है | अस्थमा को भयंकर बीमारियों में एक माना जाता है, क्योंकि यह फेफड़ों में सांस जाने वाली नली को इतनी पतली कर देती है, जिस कारण पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ जाता है |  

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक की निदेशक और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपनी यूट्यूब चैंनले में पोस्ट  एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसका पूर्ण रूप से इलाज नहीं किया जा सकता, लेकिन आप इस बीमारी को नियंत्रित ज़रूर कर सकते है | अस्थमा के सामान्य लक्षणों में शामिल है साँस लेने में तकलीफ होना, खांसी होना, बलगम आना और सांस लेते दौरान घरघर जैसे आवाज़ का आना | जो एलॉपथी विशेषज्ञ होते है वह मरीज़ को इन्हेलर लेने की सलाह देते है, ताकि अस्थमा के अटैक से मरीज़ बचे रहे | लेकिन क्या आपको इस बात का पता है की होम्योपैथी उपचार से अस्थमा का प्राकृतिक रूप से इलाज किया जा सकता है | 

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक एकलौती एक ऐसी संस्था है जहाँ अस्थमा का इलाज होम्योपैथिक दवाओं के उपयोग से किया जाता है | यह न केवल समस्या से शरीर पर पड़ रहे प्रभाव को कम करता है, बल्कि समस्या को जड़ से ख़तम करने की भी कोशिश करता है | यह तो सभी जानते है की होम्योपैथिक दवाओं से शरीर पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता , इन दवाओं का असर भले ही धीरे-धीरे होता है, लेकिन यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में सक्षम होती है |  

 

यदि आप भी अस्थमा की समस्या से जूझ रहे है और एलॉपथी दवाओं का सहारा लेने के बाद भी स्थिति पर किसी भी तरह का सुधार नहीं आ रहा है तो आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक से परामर्श कर सकते है | इस संस्था की निदेशक और सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक में स्पेशलिस्ट है और इन्हे 18 से अधिक वर्षों का तज़र्बा है, जो अस्थमा जैसी गंभीर समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए आज ही डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करें या फिर आप दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट करें, यहाँ आपको इस समस्या से संबंधित संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी |        

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Arnica: Nature’s Secret Remedy for Pain and Inflammation

Homeopathy Treatment is a form of alternative medicine that utilizes highly diluted substances to stimulate the body’s natural healing abilities. It is generally based on the principle of “like cures like,” which simply means that a substance which shows symptoms in a healthy person can be used to treat similar traits in a sick person. Homeopathic remedies are believed to function by stimulating the body’s vital force, as they are made from plant, animal, or mineral sources. Homoeopathic treatment is a gentle and individualized approach to healing. 

Arnica

Arnica is a herb from a plant named Arnica Montana Plant. It is commonly used in alternative medicines. It is also sometimes used to add flavors to the food. The Arnica has chemicals that reduce pain and swelling and act as an antibiotic. Consuming Arnica directly from the mouth or in large quantities can be very unsafe. It is usually diluted in homeopathic medicine to be easily consumed. These arnica medicines are helpful in muscle pain treatment in Mumbai, diabetic eye damage swelling and pain after surgery.

Instructions regarding Arnica

Arnica can be used in different types, such as creams and gels. It is essential to follow proper instructions before the usage of Arnica:

  • Apply a layer of Arnica to the affected place.
  • Gentle massage the Arnica into the skin.
  • If you feel any irritation or unusual reaction, then it is suggested to discontinue its usage.
  • Avoid the usage of Arnica in open wounds.
  • Make sure to use homeopathy diluted arnica medicine because pure Arnica can be very toxic for your body.

Risks related to the Arnica

Some general risks related to the Arnica are: 

  • Pure Arnica can be very risky and is considered to be toxic for your liver. Using a diluted version as homeopathic can be a safer option. However, Homeopathic arnica creams or gels can still cause burning and skin irritation.
  • It is suggested that you consult your doctor before consuming the Arnica. Because consuming it directly from your mouth may increase the heartbeat and gastrointestinal problems. It can have a significant effect on the kidneys and liver or may lead to coma and even death in some cases.
  • If you take Arnica in the form of medicine daily, you are advised to consult a doctor before taking it. Arnica could interact with drugs like painkillers, steroids, blood thinners and herbs like garlic, ginkgo biloba, etc.

Benefits related to Arnica

Some general benefits of Arnica, as per homeopathy doctors in Mumbai, are: 

  • Arnica is used to reduce inflammation.
  • It helps relieve pain.
  • Arnica aids in healing bruises.
  • Available in creams, ointments, and gels for easy application.
  • Follow instructions and seek professional advice when using Arnica products.

How quickly does Arnica work for pain relief? 

Arnica works very quickly for pain relief. Many people have reported that they feel relieved shortly after applying. The exact time it takes for Arnica to show its results may vary according to the individual and his or her condition. Many people find it beneficial for pain relief, but scientifically, it is proven that its benefits are limitless. It is suggested to consult a homeopathy doctor in Mumbai.

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Embrace the Healing Touch of Homeopathy

Homeopathy treatment is a form of alternative medicine that utilizes highly  diluted substances to stimulate the body’s natural healing abilities. Homeopathy treatment is generally based on the principle of “like cures like” which means that a substance that causes symptoms in a healthy person can be used to treat similar traits in a sick person. Homeopathic remedies are believed to work by stimulating the body’s vital force as it is made from plant, animal or mineral sources. Homeopathic treatment is a gentle and individualized approach to healing. 

 

Common skin related problems:

Skin related issues are a very common problem nowadays due to the exposure to various external factors such as pollution, UV rays, weather changes, and even our own lifestyle choices. Additionally factors like hormonal changes, genetics and other underlying health conditions also become a reason for the skin issues. Here are some common skin related problems:

  • Acne: Acne is a common skin problem which is characterized by the pimples, blackheads, cyst etc, caused mainly by factors such as hormones and bacteria.
  • Eczema: Eczema is a skin allergy chronic condition in which red, itchy, and inflamed skin occurs.
  • Psoriasis: Psoriasis is another chronic condition  in which skin cells start multiplying too quickly because of overactive immune system and causes red, scaly patches on the skin.
  • Dry skin: Dry skin shows the symptoms of rough, flakiness and tightness in the skin  caused by lack of moisture in the skin.
  • Sunburn: Sunburn is caused to the skin due to over exposure to the sun’s UV rays leading to the redness, pain and peeling of the skin.

 

Homeopathic approach to skin related issues

Homeopathic remedies for any skin related issues are selected based on the individual’s unique symptoms and overall health. Here are some commonly used homeopathic remedies for skin care treatment in mumbai:

  • Calendula: Calendula has anti-inflammatory and antiseptic properties which is used for various skin conditions such as skin irritations, cuts and wounds.
  • Arsenicum album: Aesenicum album is used in conditions such as eczema, psoriasis, and hives which show symptoms such as itching, burning, and restlessness. It may be helpful for dry, scaly skin.
  • Graphites: It is used in the condition of a skin with dry, rough and cracks. It is also used to correct the skin condition such as eczema and psoriasis
  • Silica: Silicea is used for the skin condition in which skin’s healing power is slow when it gets any scar, boils and acne.
  • Hepar sulphur calcareum: It is  used for  conditions with pus formation in the skin, indicated with skin abscesses, boils, and infection.

 

Benefits of Homeopathic skin treatment

Homeopathy serves several potential benefits for skin treatment. It provides personalized treatment, taking into account your unique symptoms and overall health aiming for the holistic approach. Homeopathic remedies provide gentle treatment without any side effects which helps in correcting various skin issues like acne, eczema, psoriasis, dry skin, and sunburn. Homeopathy treatment consists of highly diluted substances, which minimizes the risks of side effects compared to conventional medications and this also makes homeopathic remedies suitable for individuals with sensitivity or allergies. However it is important to consult a qualified homeopathic doctor in mumbai