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कौन-सी होम्योपैथिक दवाएं का उपयोग कर, पेट के मोटापे और चर्बी को कम किया जा सकता है ?

मोटापा या फिर वजन को कम करने के लिए हर हेल्थ और फिटनेस एक्सपर्ट्स द्वारा एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने की सलाह दी जाती है | वही कुछ लोग ऐस भी होते है जो घरेलू नुस्खे और कुछ दवाओं के सेवन से अपने वजन को कम करने की कोशिश किया करते है | इसी तरह से पेट के मोटापे और चर्बी को कम करने के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग किया जाता है | फैट को कम करने के लिए कई तरह की होम्योपैथिक दवाएं उपलब्ध है | अगर आप पेट के मोटापे और चर्बी को कम करना चाहते है तो इसके लिए आप एलॉपथी के बजाए होम्योपैथी दवाओं का चुनाव कर सकते है, क्योंकि होम्योपैथिक दवा को बाकी दवाओं की तुलना में सबसे सुरक्षित माना जाता है | 

 

डॉ सोनल हीलिंग विद होम्योपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन का यह कहना है कि पेट के मोटापे और चर्बी को कम करने के लिए होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकता है, क्योंकि होम्योपैथी इकलौती ऐसी दवा है, जिससे शरीर पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता | इसलिए निसंकोच होकर कोई भी व्यक्ति पेट के मोटापे और चर्बी को कम करने के लिए इन दवाओं का सेवन कर सकता है | लेकिन बिना सुझाव के किसी भी प्रकार के दवाओं का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है | इसलिए उनकी सलाह यही है की सबसे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी द्वारा निर्धारित दवाओं का ही सेवन करें | 

होम्योपैथी दवाओं की कुछ नियम         

 

यदि आप अपने पेट के मोटापे और चर्बी को कम करना होम्योपैथिक दवाओं का चाहते है तो इसके लिए नियम होते है, जिनका अनुसरण करना बेहद ज़रूरी होता है | डॉ सोनल जैन का मानना है की पेट की चर्भी को कम करने के लिए होमियोपैथी दवायें तभी काम करती है, जब उन दवाओं को सेवन करने वाला व्यक्ति ज़रूरी परहेजों पर ध्यान देता है | 

 

एक डॉक्टर सबसे पहले मरीज़ के मेडिकल इतिहास को देखता है की कहीं किसी चीज़ से उस मरीज़ को एलर्जी या फिर किसी भी तरह की कोई परेशानी तो नहीं, इसके बाद ही वह पेट के मोटापे और चर्बी को कम करने के लिए होम्योपैथिक इलाज की प्रक्रिया को शुरू करता है | वजन को कम करने के लिए होम्योपैथिक दवाओं के उपयोग के साथ-साथ खाने में वसा के उपयोग पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है |   

 

मोटापे को कम करने के लिए होम्योपैथिक दवाएं 

 

यहाँ निम्नलिखित कुछ होम्योपैथिक दवाओं के नाम है, जिसके सेवन से पेट के मोटापे और चर्बी को तेज़ी से कम किया जा सकता है | लेकिन इन दवाओं का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से ज़रूर परामर्श कर लें, क्योंकि एक डॉक्टर स्थिति की जाँच-पड़ताल करने के बाद ही दवाएं निर्धारित करता है | 

 

  • कैल्केरिया कार्बोनिका 
  • नेट्रम म्यूर 
  • लाइकोपोडियम 
  • नक्स वोमिका 
  • एंटीमोनियम क्रूडम 

यदि आप में से कोई भी पेट के मोटापे और चर्बी की समस्या से परेशान है और अनेकों तरह के उपचारों और नुस्खों को अपनाने के बाद भी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इलाज के लिए आप डॉ सोनल हीलिंग विद होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथी दवाओं में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 18 वर्षों से पीड़तों मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही डॉ सोनल हीलिंग विद होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गयें नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है | 

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महिलाओं में कामेच्छा को बढ़ने के लिए अपनाएं ये होमेओपेथिक दवाएं

महिलाओं के शरीर में भी हार्मोनल परिवर्तन होने के कारण उनमें कामेच्छा की कमी आने लग जाती है या फिर स्थिति के अनुसार बदलती रहती है | इसके अलावा रिश्तों में अनबन, अवसाद को कम करने वाली दवाओं के सेवन से भी महिलाओं में कामेच्छा की कमी होने लग जाती है | यदि एक उम्र से पहले ही आपकी यौन संबंध ड्राइव कम होती जा रही है तो इसका मतलब यह है की आपके कामेच्छा में कमी होने लग गयी है | जिसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है, नहीं तो इसकी वजह से आपके बनाये रिश्ते भी खराब हो सकते है | 

महिलाओं में कामेच्छा को बढ़ाने के लिए होमेओपेथिक दवायों को अपनाएं   

 

कई बार महिलाएं अपनी कामेच्छा को बढ़ाने के लिए एलॉपथी या फिर आयुर्वेदिक दवाओं का सहारा ले लेते है, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह के दुष्प्रभावों से गुजरना पड़ जाता है | लेकिन इस स्थिति में होमेओपेथिक दवाओं को अपनाना से बेहतर विकल्प और कोई भी नहीं है, क्योंकि होमेओपेथिक दवाओं से दुष्प्रभाव पड़ने के अवसर शुन्य होते है और यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में सक्षम होता है | एक सही विशेष्ज्ञ द्वारा निर्धारित किये गए होमेओपेथिक दवा के सेवन करने से, किसी भी प्रकार के दुष्प्रभावों को झेलना नहीं पड़ता | इन्ही कारणों से हर तरह के रोगों के इलाज के लिए होमियोपैथी उपचार का उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है | 

यदि आप भी कामेच्छा में कमी आने की समस्या से जूझ रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो इसमें डॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक दवाओं में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 18 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही डॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर रहे है |      

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मिस आरती शिंदे ने बताया की कैसे होम्योपैथी द्वारा किया गया उनके पाइल्स की समस्या का इलाज

डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट एक वीडियो द्वारा एक मरीज़ ने यह बताया की उनका नाम मिस आरती शिंदे और वह पिछले एक-डेढ़ साल से पाइल्स की समस्या से जूझ रही थी | उन्हें पेट में काफी जलन और सूजन समस्या की हमेशा शिकायत रहती थी | इसलिए एक महीने पहले वह डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी में अपना इलाज करवाने आये थे | इस संस्था की डॉक्टर सोनल जैन ने काफी अच्छे से उनकी परशानी को समझा और जाँच-पड़ताल के बाद पाइल्स की समस्या का इलाज के लिए उन्हें एक महीने तक की होम्योपैथी दवा और मलहम की क्रीम निर्धारित कर दिया | 

 

होम्योपैथी दवाओं के सेवन के कुछ ही दिनों बाद उनकी स्थिति में काफी सुधार आने लग गया और अब वह 70 प्रतिशत तक ठीक भी हो गयी है | इसलिए आज वह फिर से डॉक्टर सोनल जैन के पास अपना इलाज कराने आयी है, ताकि वह पूर्ण रूप से ठीक हो सके | इसलिए वह डॉक्टर सोनल जैन का तेह दिल से इलाज के लिए शुक्रिया करना चाहते है और साथ में यह भी कहना चाहते है की यदि कोई भी व्यक्ति ऐसा ही परिस्थिति से गुजर रहा है तो उनकी सलाह यही है कि वह व्यक्ति अपना इलाज डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी से ही करवाएं | 

यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहा है और एलॉपथी इलाज करवाने के बाद भी उनकी स्थिति में किसी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसके लिए आप डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन ने होम्योपैथी उपचार में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 18 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीक इलाज कर रही है | इसलिए आज ही डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |       

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मिस आरती रोबिन ने बताया डॉक्टर सोनल ने कैसे किया डरमोइड सिस्ट का होम्योपैथी से इलाज ?

डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से होम्योपैथी दवाओं से मिले सफलतापूर्वक इलाज के बारे में बताते हुए एक मरीज़ ने यह कहा की उनका नाम आरती रोबिन है | इस संस्था के बारे में उन्हें सर्च इंजन में रिसर्च के दौरान पता चला था, जहां उन्हें वेबसाइट में बने समीक्षा अनुभाग में इस संस्था के बारे में जाना की कैसे यह होम्योपैथी दवाओं के माध्यम से सभी मरीज़ों का सटीक इलाक़ कर रहे है | इसी से प्रेरित होकर उन्होंने डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी से इलाज करवाने का निर्णय लिया | 

 

जब पहली बार उनकी मुलाकात डॉक्टर सोनल जैन से हुई तो डॉक्टर ने एक से डेढ़ घंटे का समय लिया उनकी परेशानी को समझने का | सबसे खासियत वाली बात तो यह है की डॉक्टर सोनल जैन ने उनके बचपन से अब तक के पूरे इतिहास के बारे पुछा जैसे की उन्हें पहले कोई समस्या तो नहीं थी, कोई मेजर ऑपरेशन तो नहीं हुआ है और भी कई ऐसे बातों को जानने का प्रयास किया, जो उन्हें काफी प्रभावशाली लगा, क्योंकि यहाँ आने से पहले उन्होंने कई डॉक्टरों से अपना इलाज करवाया है, लकिन डॉक्टर सोनल जैन जैसे व्यवहार आजतक उन्हें और कहीं से भी देखने को नहीं मिला था |  

डॉक्टर सोनल जैन ने न केवल उनकी समस्याओं को भी समझा बल्कि इस समस्या का उपचार भी किया | इस समस्या के इलाज के लिए डॉक्टर ने कुछ होम्योपैथी दवाएं निर्धारित की थी | हालाँकि शुरुआत दिनों में उन्हें दवाओं के सेवन से काफी संदेह हो रहा था, लेकिन सेवन के कुछ ही हफ़्तों बाद डरमोइड सिस्ट से होने वाले प्रभाव काफी कम होने लग गए थे | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखिए | इसके अलावा आप डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट र सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है |      

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की समस्या से जूझ रहा है और एलोपैथी इलाज कराने के बाद भी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा तो होम्योपैथी इलाज के लिए आज ही डॉक्टर सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |      

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फैटी लीवर क्या है ? जाने होम्योपैथिक उपचार से कैसे किया जा सकता है फैटी लीवर का इलाज

डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल मे पोस्ट एक यूट्यूब शोर्टस के माध्यम से यह बताया कि हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद लीवर शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है, जो भोजन को पचाने, शरीर के ऊर्जा को जमा करने और शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है | यदि बात करें तो फैटी लीवर की यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमे अनियमित रूप से वसा लीवर में जमा होने लग जाते है | दरअसल लीवर में मौजूद वसा की मात्रा यदि बहुत कम है तो यह सामन्य-सी बात होती है ओर इससे किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होता, लेकिन अगर लीवर में मौजूद वसा इसके वजन से 5 प्रतिशत अधिक है तो इस समस्या को फैटी लीवर या फिर वसायुक्त कहा जाता है | 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह भी बताया की फैटी लीवर दो प्रकार के होते है, पहला है नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर और दूसरा है अल्कोहलिक फैटी लीवर | आइये जानते है दोनों में क्या अंतर है :- 

 

  • नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर :- यह समस्या भी दो प्रकार के होते है पहला जो साधारण फैटी लीवर की समस्या होती है, उसमे बिना लीवर की कोशिकाओं में सूजन के वसा एकत्रित होने लग जाते है, साथ ही इसकी जटिलताओं का जोखिम खतरा भी बहुत कम होता है और जो दूसरा नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर होता है उसे स्टीटोहेपेटाइटिस के नाम से से भी जाना जाता है, जो लीवर की कोशिकाएं में सूजन और लीवर को अन्य नुकसान भी पहुंचाने लग जाता है |

 

  • अल्कोहलिक फैटी लीवर :- जो व्यक्ति शराब और धूम्रपान जैसे नशीली पदार्थों का सेवन सबसे अधिक करता है वह  अल्कोहलिक फैटी लीवर का शिकार हो जाता है | 

 

यदि आप भी फैटी लिवर जैसी समस्या से गुज़र रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक उपचार में स्पेशलिट है,  जो होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग कर इस समस्या को कम करने में आपकी पूरी तरह से मदद कर सकते है | इसलिए डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी की वेबसाइट पर जाएं  और आज ही अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें या फिर वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते  है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी पूरी जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है |

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Boost Your Child’s Immunity Naturally

There is rarely any instance where parents are willing to compromise the health of their own child. It is absolutely imperative to any parent that their child remains healthy and develops according to their age. It can be incredibly rough for any parent – especially a first-time parent – to see their child fall sick. As much as it is a part of life, it can be an overwhelming experience. Particularly when your child regularly falls ill, over and over again. There are only so many times a person can blame it on the weather – there might be a chance that your child does not have a proper immunity system.

It can be a hard pill to accept that you cannot do anything to help your child. A weakened immunity system can endanger your child’s health. With Dr Sonal Jain’s homoeopathic solutions, you can build your child’s immunity over time. With homoeopathy’s natural approach, your child can slowly build up their immunity over time. With our specialized approach, we tailor each treatment plan to your little one’s needs and requirements. 

 

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We know it will be difficult to acknowledge this reality, especially when you have done everything correctly. But with Dr Sonal Jain’s years worth of experience with homeopathy, you can put your faith in the process. We are here to help out your little ones. Visit our website for more information, and book your appointment today!

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Homeopathic Medicines For Immune System

The immune system is a multiplex system of cells, tissues, organs, and proteins that defend the body against infection whilst protecting the body’s cells. The immune system keeps data on every microbe it has ever defeated so it can recognise and destroy the microbe quickly if it enters the body again. The immune system comprises special immune cells, microbes, tissues and organs that work together, but weak immune systems can cause colds, sneezes, coughs and headaches. If you have a cold, get the best Cold treatment in Mumbai. Some homeopathic medicines can help to strengthen immunity. 

 

Benefits Of Homeopathic Medicines

Homeopathic medicines are made from small amounts of proven healing substances derived from plants, minerals and animals. They are given in very minute doses to be non-toxic and safe. Unlike antibiotics and other medicines, homeopathic medicines will not hamper digestion, will not lower immune resistance, will not produce allergic reactions, and will be secure in the long term if directed by a qualified homeopath.   

Homeopathy is used extensively in the field of health conditions. Many experts believe it can help with any condition. A strengthened immune system is among the most common conditions for which people seek homeopathic treatment. If you have any problem and want a homeopathic solution, visit the best homeopathic doctor in Mumbai

 

Some of the most common homeopathic medicines boost the immune system’s immunity.

  1. Allium Cepa: With winter setting in, more people are prone to developing teary eyes, runny noses, and nasal congestion. So, with winter still around the corner, using the homeopathic remedy Allium Cepa (small onion) helps build immunity by easing these symptoms.
  2. Oscillococcinum: An oscillococcinum reduces the duration and severity of flu if taken at the first signs of illness. It temporarily relieves flu-like symptoms, including headaches, body aches, chills, fever, and fatigue.
  3. Gelsemium: It can be used to treat influenza. Keeping it below the tongue can help relieve symptoms if they are already attending and control further attacks of flu-like symptoms.
  4. Silica: Silica is a vital part of healthy skin and digestive tissue; it is also essential in preventing infection and illness. The skin and digestive system are the first lines of defense against pathogens.
  5. White Arsenic: Arsenic exerts pleiotropic effects on immune cells, which may initially suppress primary immune functions.

Conclusion:

Homeopathic medicines such as allium cepa, oscillococcinum, silica, white arsenic and  gelsemium are safe for the immune system, including colds, coughs, sneezes and headaches. For the best cold treatment, visit the best homeopathic doctor in Mumbai. They will provide you with the best treatment. 

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A Satisfactory Journey Of Dermoid Cyst Treatment With Dr Sonal’s Healing With Homeopathy

Health problems can be known on your door anytime. Some health problems disappear quickly while some stay for longer, incurring challenges to normally get through your daily routine. While allopathy has been playing a crucial role in treating health problems, it is not always the absolute solution to good health. 

In this video, the patient, Aarti Robin, talks about her treatment of a Dermoid Cyst with Dr Sonal’s Healing With Homeopathy. Many people have been able to improve their health with the help of homoeopathy. The patient explains that Dr Sonal took her time to thoroughly assess her condition before providing her with treatment. 

The patient was able to find the right Dr after several visits to a number of clinics. However,  the method of assessment, as well as the procedure itself, were impressively effective only with Dr Sonal’s Healing With Homeopathy. 

 

The patient was experiencing several other issues along with Dermoid Cyst, such as dandruff and cervical pain. After assessing the patient’s condition, the doctor gave her treatments to fix the problems. To health your body and give it the care it deserves, contact Dr Sonal’s Healing with Homeopathy and find relief from pain and discomfort. 

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तनाव से बचाव के कौन-से उपचार और आहार है मददगार ?

तनाव आधुनिक जीवन का एक सामान्य पहलू है, जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करते है। यह कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। हालाँकि, ऐसे कई उपचार और आहार है जो तनाव को कम करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर सकते है। तो इस ब्लॉग में, हम कुछ प्रभावी तरीकों और घरेलु उपाय के बारे में पता लगाएंगे, जो आपको तनाव से दूर रख सकें ;

तनाव को कम करने के कौन-से उपाय है मददगार ?

नियमित व्यायाम :

व्यायाम एक तनाव निवारक तरीका है। यह एंडोर्फिन जारी करता है, जो शरीर के प्राकृतिक मूड को बेहतर बनाता है, और तनाव हार्मोन को कम करता है। दैनिक व्यायाम दिनचर्या को अपने जीवन में शामिल करना आवश्यक है। पैदल चलना, जॉगिंग या योग जैसी गतिविधियाँ बेहतरीन विकल्प है।

 

गहरी सांस लेना :

गहरी साँस लेने के व्यायाम करना आसान है और इसका अभ्यास कभी भी, कहीं भी किया जा सकता है। वे तंत्रिका तंत्र को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करते है। अपनी नाक से गहरी सांस लें, कुछ सेकंड के लिए अपनी सांस रोकें और अपने मुंह से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। और आराम के लिए इसे कई बार दोहराएं।

 

पर्याप्त नींद लें :

नियमित नींद का शेड्यूल बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हर रात 7 से 9 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद का लक्ष्य रखें। नींद की कमी तनाव के स्तर को बढ़ा सकती है और दैनिक चुनौतियों से निपटने की आपकी क्षमता को ख़राब कर सकती है।

 

ध्यान :

तनाव कम करने के लिए ध्यान एक शक्तिशाली अभ्यास है। इसमें अपने दिमाग को केंद्रित करना और अव्यवस्थित विचारों की धारा को खत्म करना शामिल है। नियमित ध्यान सत्र भावनात्मक कल्याण में सुधार और चिंता को कम करने में मदद करते है।

 

शराब और कैफीन सीमित करें :

शराब और अत्यधिक कैफीन का सेवन तनाव को बढ़ा सकता है। इन पदार्थों का सेवन कम करें, खासकर तनावपूर्ण अवधि के दौरान।

 

सामाजिक संबंध :

मित्रों और परिवार के साथ मजबूत सामाजिक संबंध बनाए रखें। अपने विचारों और भावनाओं को साझा करने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान एक सहायता प्रणाली प्रदान की जा सकती है।

 

समय प्रबंधन का ध्यान रखें :

प्रभावी समय प्रबंधन तनाव को बढ़ने से रोक सकता है। व्यवस्थित और नियंत्रण में रहने के लिए कार्यों की सूचियाँ बनाएं, प्राथमिकताएँ निर्धारित करें और कार्यों को प्रबंधनीय भागों में बाँट लें।

 

जर्नलिंग :

अपने विचारों और भावनाओं को लिखना तनाव को प्रबंधित करने का एक चिकित्सीय तरीका हो सकता है। यह आपको तनाव ट्रिगर करने वालों की पहचान करने और उनके माध्यम से अधिक प्रभावी ढंग से काम करने की अनुमति देता है।

 

अरोमाथेरेपी :

अरोमाथेरेपी में विश्राम को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक तेलों का उपयोग शामिल है। लैवेंडर, कैमोमाइल और यूकेलिप्टस जैसी सुगंध आपके दिमाग को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकती। तनाव से राहत पाने के लिए आपको मुंबई में होम्योपैथिक क्लिनिक से इस थेरेपी को जरूर करवाना चाहिए। 

 

प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम :

इस तकनीक में विभिन्न मांसपेशी समूहों को तनाव देना और फिर आराम देना शामिल है। यह शारीरिक तनाव को दूर करने में मदद करता है, जो अक्सर तनाव से जुड़ा होता है।

 

स्क्रीन समय सीमित करें :

अत्यधिक स्क्रीन समय, विशेष रूप से सोने से पहले, नींद के पैटर्न में बाधा डाल सकता है और तनाव बढ़ा सकता है। इसलिए अपने स्क्रीन उपयोग पर सीमाएँ निर्धारित करें।

 

आभार अभ्यास :

अपने जीवन के सकारात्मक पहलुओं के लिए नियमित रूप से आभार व्यक्त करने से आपका ध्यान तनावों से हट सकता है और आपके समग्र दृष्टिकोण में सुधार हो सकता है।

 

तनाव को कम करने के लिए किस तरह के आहार का सेवन करें ! 

संतुलित आहार : 

एक संतुलित आहार तनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियाँ, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज का सेवन करें। अत्यधिक कैफीन और चीनी से बचें, जो तनाव बढ़ा सकते है।

 

हर्बल चाय का सेवन करें :

कुछ हर्बल चाय, जैसे कैमोमाइल और वेलेरियन रूट, अपने शांत गुणों के लिए जाने जाते है। हर्बल चाय का गर्म कप पीना सुखदायक हो सकता है और तनाव को कम कर सकते है।

 

हाइड्रेटेड रहें :

निर्जलीकरण आपके मूड को प्रभावित कर सकता है और तनाव बढ़ा सकता है। ठीक से हाइड्रेटेड रहने के लिए दिन भर में खूब पानी पीना सुनिश्चित करें।

 

फाइबर को आहार में शामिल करें :

  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पाचन और मल त्याग को सुविधाजनक बनाने के लिए उत्कृष्ट होते है, साथ ही एससीएफए के उत्पादन को उत्तेजित करके तनाव प्रबंधन में भी सहायता करते है। अगर आपको सोने में परेशानी हो रही है तो सोने से पहले गर्म दूध पीने से मदद मिल सकती है। यह नींद के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले भारतीय घरेलू उपचारों में से एक है ।
  • लेकिन दूध लेने के बाद भी नींद की समस्या आपकी ठीक न हो तो इसके लिए आपको मुंबई में होम्योपैथिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए। 

 

तनाव को ठीक करने के लिए बेहतरीन क्लिनिक !

अगर आप तनाव से निजात पाना चाहते है तो इसके लिए आपको डॉ. सोनल होम्योपैथिक क्लिनिक का चयन करना चाहिए क्युकी यहां पर तनाव का खात्मा बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया जाता है और इसका उपचार होम्योपैथिक तरीके से किया जाएगा तो इस दवाई का भी आपको किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं देखने को मिलेगा।

 

निष्कर्ष :

अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने के लिए तनाव का प्रबंधन महत्वपूर्ण है। इन उपचारों और आहार प्रथाओं को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने से आपको तनाव से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद मिल सकती है। याद रखें कि हर किसी के तनाव ट्रिगर और उससे निपटने के तरीके अलग-अलग होते है, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है। तनाव कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाकर आप अधिक खुशहाल, स्वस्थ जीवन जी सकते है।

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किसी पुरुष में मूत्र संक्रमण का कुदरती इलाज कैसे करते हैं?

मूत्र पथ संक्रमण(यूटीआई) वयस्क पुरुषों में होता है। ५० वर्ष की आयु के बाद, उनकी घटना उत्तरोत्तर बढ़ती जाती है। वयस्क पुरुष यूटीआई की श्रोणि में प्रोस्टेटाइटिस, एपिडीडिमाइटिस, ऑर्काइटिस, पायलोनेफ्राइटिस, सिस्टिटिस, मूत्रमार्गशोथ और संक्रमित मूत्र कैथेटर के मामले शामिल है। पुरुष मूत्र पथ की कई सुरक्षाओं के कारण, ऐसा कोई भी संक्रमण आमतौर पर शारीरिक असामान्यताओं से जुड़ा होता है, जिसके लिए अक्सर सजिकल सुधर की आवश्यकता होती है।   

मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) मूत्र प्रणाली में एक जीवाणु संक्रमण है। अधिकांश यूटीआई मूत्राशय और और मूत्रमार्ग को प्रभावित करते है, जो वह नली है जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर के बाहर तक ले जाती है। हालांकि, यह गुर्दे और मूत्र वाहिनी सहित मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। जब पुरुषों में यूटीआई विकसित होता है, तो इसे आमतौर पर जटिल माना जाता है और गुर्दे और ऊपरी मूत्र पथ में फैलने की अधिक संभावना होती है। कुछ मामलों में सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है। पुरुषों में सबसे आम यूटीआई प्रोस्टेटाइटिस है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन है। पुरुषों को यूटीआई हो सकता है, हालांकि यह महिलाओं में अधिक आम है। यूटीआई वाले पुरुषों में संक्रमण के कोई संकेत या लक्षण नहीं हो सकते है। हालांकि जब लक्षण उत्पन्न होते है, तो उनमें निम्न शामिल हो सकते है:

  • पेशाब के दौरान दर्द होना 
  • बार बार पेशाब करने की इच्छा होना 
  • पेशाब शुरू करने में असमर्थता 
  • धीमी मूत्र धारा या मूत्र रिसाव 
  • अचानक पेशाब करने की जरूरत पड़ना 
  • एक समय में केवल थोड़ी मात्रा में मूत्र का निकलना 
  • पेशाब में खून आना 
  • पेट के मध्य निचले हिस्से में दर्द 
  • तेज़ गंध के साथ बादरयुक्त मूत्र 

पुरुषों में सबसे आम यूटीआई प्रोस्टेटाइटिस है। इसके दो प्रकार है: तीव्र प्रोस्टेटाइटिस, जिसमें पेशाब न कर पाना जैसे लक्षण शामिल है और क्रोनिक, जिसमें उपरोक्त लक्षण शामिल है लेकिन तीन महीने या उससे अधिक समय तक रहता है। जटिल यूटीआई वाले पुरुष भी निम्नलिखित लक्षणों में से एक या अधिक का अनुभव कर सकता है : 

  • बुखार
  • ठंड लगना
  • समुद्री बीमारी और उल्टी
  • पीठ दर्द

यह लक्षण संकेत है के रोग गुर्दे या ऊपरी मूत्र पथ में फैल गया है। यहां जो संक्रमण फैला है वह अधिक गंभीर समस्या है जिसके लिए शीघ्र उपचार को आवश्यकता है।  

मूत्र मार्ग में संक्रमण का प्रमुख कारण क्या है?

ई. कोलाई 90% से अधिक मूत्राशय संक्रमण का कारण बनता है। ई. कोलाई आमतौर पर आपकी निचली आंतों (बड़ी आंत) में मौजूद होता है। 

मूत्र पथ के संक्रमण का निदान करने के लिए कौन से परीक्षण किए जाएंगे ?

एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता यूटीआई का निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षणों का आदेश दे सकता है: 

  • मूत्र-विश्लेषण: इस परीक्षण के दौरान, आप एक विशेष कप में पेशाब करेंगे। प्रदाता नमूना को एक प्रयोगशाला में भेजेगा, जहां तकनीशियन नाइट्राइट, ल्यूकोसाइट एस्टरेज़ और सफेद रक्त कोशिकाओं जैसे कई चर का उपयोग करके यूटीआई के संकेतों के लिए इसकी जांच करेंगे। 
  • मूत्र का कल्चर: आप एक विशेष कप में पेशाब करेंगे और प्रयोगशाला तकनीशियन मौजूद किसी भी बैक्टीरिया को विकसित करने और उसकी पहचान करने के लिए आपके नमूने का परीक्षण करेंगे। मूत्र संस्कृतियाँ महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आपके प्रदाता को सबसे उपयुक्त उपचार निर्धारित करने में मदद करते है। 

यूटीआई के इलाज के लिए आप घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकते हैं। 

  • अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीओ

निर्जलीकरण यूटीआई के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है। नियमित रूप से पेशाब करने से संक्रमण को रोकने के लिए मूत्र पथ से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। निर्जलित होने पर, आप बार बार पेशाब नहीं कर पाते है, जो बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थल बन सकता है। 

  • विटामिन सी का सेवन बढ़ाए 

कुछ सबूत बताते है कि विटामिन सी का सेवन बढ़ाने से यूटीआई से बचाव हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि विटामिन सी मूत्र की अम्लता को बढ़ाकर, संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारकर काम करता है। 

  • क्रैनबेरी जूस या क्रैनबेरी सप्लीमेंट का प्रयोग करें

         बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पीना यूटीआई के लिए सबसे प्रसिद्ध प्राकृतिक उपचारों में से एक है। यदि बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पीना आपका शौक नहीं है, तो आप इसे कैप्सूल के रूप में ले सकते हैं।

  • स्वास्थ्य स्वच्छता की आदतों का अभ्यास करें

यूटीआई की रोकथाम कुछ अच्छी बाथरूम और स्वच्छता की आदतों का अभ्यास करने से शुरू होती है।सबसे पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने मूत्र को बहुत देर तक न रोकें। इससे बैक्टीरिया का निर्माण हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप संक्रमण हो सकता है।

  • लहसुन के साथ पूरक

शोध से पता चलता है कि लहसुन और लहसुन के अर्क में रोगाणुरोधी गुण होते हैं, इसलिए वे यूटीआई को रोकने के लिए बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सक्षम हो सकते हैं।