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मिस वैशाली ने बताया होम्योपैथिक की मदद से कैसे मिली उनके बेटे को जुकाम और बुखार की समस्या से मुक्ति

डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से एक मरीज़ ने यह बताया की उनका नाम वैशाली है और उनके बेटे का नाम गिरीश है | उनके बेटा को काफी समय से जुखाम और भुखार की समस्या से गुजर रहा था | जब उनका बेटा 4 साल का था, तब से ही उसे मीठे पदार्थ और तले हुए पदार्थ को खाने में परेशानी हो रही थी | जब भी बर्रिश पड़ती थी उनके बेटे का काफी ठंड लगने लग जाती थी | उन्होंने अपने बेटे का कई एलॉपथी हॉस्पिटल में इलाज करवाये, लेकिन इलाज के बाद भी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधर नहीं आ रहा था | उनके बेटे ने जुखाम और भुखार से संबंधित कई तरह के एलॉपथी दवाओं का भी सेवन भी किया, लेकिन समस्या ने सुधार आने के बजाये उनके बेटे को इन दवाओं से होने दुष्प्रभाव से सामना कर पड़ रहा था | 

फिर किसी ने उन्हें डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी में जाकर अपने बेटे का इलाज कराने का सुझाव दिया और अगले दिन ही वह इस संस्था में अपना इलाज करवाने के लिए पहुंच गए | इस संस्था में उनकी मुलाकात डॉक्टर सोनल जैन से हुई, जिन्होंने उनके बेटे की सस्याओं का परीक्षण किया और कुछ होम्योपैथी दवाएं निर्धारित कर दिया | दवाइयों को सेवन करते हुए अब 2 महीने हो गए है और उनके बेटे की स्थिति में काफी सुधार भी आने लग गया है | इसके साथ ही उनके बेटे को मीठे खाने में किसी भी की परेशानी नहीं हो रही और उनके बेटे को अब अपने नेबुलाइज़र रखने की ज़रुरत नहीं पड़ती | इसलिए इलाज के लिए वह डॉक्टर सोनल जैन का तेह दिल से शुक्रिया करना चाहते है | 

इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक दवाओं में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 18 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का होम्योपैथिक उपचार के माध्यम से स्थायी रूप से इलाज  कर रही है | इसलिए आज ही डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नमक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें इसके अलावा आप वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी सीधा संपर्क कर सकते है | 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस विडियो को पूरा देखें | आप चाहे तो डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |

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मिस रिद्धि कांबले ने बताया होम्योपैथी दवाओं ने किया उनकी समस्याओं का सटीक इलाज

डॉ. सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी संस्था के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में सफलतापूवर्क मिले इलाज के बारे में एक मरीज़ ने यह बताया की उनका नाम रिद्धि कांबले है और वह काफी समय से पाइल्स, पीसीओडी और वजहें घटने की समस्या से गुजर रहा थे | इंटरनेट में सर्चिंग के दौरान ही उन्हें डॉ. सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी संस्था के बारे में पता लगा था और उनके वेबसाइट में मौजूद समीक्षा को पढ़कर ही उन्होंने इस संस्था में अपना करवाने का निर्णय लिया था | वह इस संस्था में इलाज के लिए 3 महीने पहले आयी थी | 

इस संस्था में पहुंचने के बाद उनकी मुलाकात डॉक्टर सोनल जैन से हुई | डॉक्टर ने विनम्रता से उनकी परेशानी को समझा और जाँच-पड़ताल के बाद उन्हें 3 महीने के लिए कुछ होम्योपैथी दवाएं निर्धारित कर दी | उन्होंने इन दवाओं को निर्धारित किये गए समय पर निरतं सेवन किया था, जिसके परिणाम स्वरुप अब उन्हें पाइल्स से जुडी कोई भी परेशानी नहीं है और इसके साथ ही जब वह इस संस्था में इलाज के लिए आये थे तब उनके शरीर में सिर्फ 7.5 ग्राम खून ही मौजूद था, लेकिन इलाज के बाद अब यह बढ़कर 11.5 ग्राम हो गया है | उन्हें पीसीओडी की भी समस्या थी, जिस वजह से उन्हें पीरियड्स इरेगुलर आते थे, लेकिन अब उस समस्या से भी उन्होंने छुटकारा पा लिया है | 

इसलिए वह इलाज के लिए डॉक्टर सोनल जैन का शुक्रिया करना चाहते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथी दवाओं में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 18 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रही है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही डॉ. सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी की वेबसाइट पर जाएं और अपनी अपॉइनमेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी सीधा संपर्क कर सकते है | 

इससे जुड़ी अधिक जानकरी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | आप चाहे तो डॉ. सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक मुंबई नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |

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फैटी लीवर क्या है ? जाने होम्योपैथिक उपचार से कैसे किया जा सकता है फैटी लीवर का इलाज

डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल मे पोस्ट एक यूट्यूब शोर्टस के माध्यम से यह बताया कि हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद लीवर शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है, जो भोजन को पचाने, शरीर के ऊर्जा को जमा करने और शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है | यदि बात करें तो फैटी लीवर की यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमे अनियमित रूप से वसा लीवर में जमा होने लग जाते है | दरअसल लीवर में मौजूद वसा की मात्रा यदि बहुत कम है तो यह सामन्य-सी बात होती है ओर इससे किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होता, लेकिन अगर लीवर में मौजूद वसा इसके वजन से 5 प्रतिशत अधिक है तो इस समस्या को फैटी लीवर या फिर वसायुक्त कहा जाता है | 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह भी बताया की फैटी लीवर दो प्रकार के होते है, पहला है नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर और दूसरा है अल्कोहलिक फैटी लीवर | आइये जानते है दोनों में क्या अंतर है :- 

 

  • नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर :- यह समस्या भी दो प्रकार के होते है पहला जो साधारण फैटी लीवर की समस्या होती है, उसमे बिना लीवर की कोशिकाओं में सूजन के वसा एकत्रित होने लग जाते है, साथ ही इसकी जटिलताओं का जोखिम खतरा भी बहुत कम होता है और जो दूसरा नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर होता है उसे स्टीटोहेपेटाइटिस के नाम से से भी जाना जाता है, जो लीवर की कोशिकाएं में सूजन और लीवर को अन्य नुकसान भी पहुंचाने लग जाता है |

 

  • अल्कोहलिक फैटी लीवर :- जो व्यक्ति शराब और धूम्रपान जैसे नशीली पदार्थों का सेवन सबसे अधिक करता है वह  अल्कोहलिक फैटी लीवर का शिकार हो जाता है | 

 

यदि आप भी फैटी लिवर जैसी समस्या से गुज़र रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक उपचार में स्पेशलिट है,  जो होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग कर इस समस्या को कम करने में आपकी पूरी तरह से मदद कर सकते है | इसलिए डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी की वेबसाइट पर जाएं  और आज ही अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें या फिर वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते  है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी पूरी जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है |

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साइनोसाइटिस क्या होता है और जाने कैसे किया जाता है होम्योपैथिक उपचार से इस समस्या का इलाज ?

डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक यूट्यूब वीडियो में यह बताया की साइनोसाइटिस एक ऐसी समस्या होती है जिसमें आपके साइनस के ऊतकों में सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है और साइनस के स्थान पर म्यूकस और कीटाणु भर जाते है | जिस वजह से साइनस टिशू सर्दी, एलर्जी से संक्रमित होकर सूज जाती है, जो साइनस के प्रवेश को बंद कर उस मार्ग पर म्यूकस को फंसा देती है | उस मार्ग में म्यूकस का जमा होने के कारण सिरदर्द और दबाव जैसे लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते है | 

 

आसान भाषा में बात करें तो साइनोसाइटिस एक ऐसी समस्या है, जिससे पीड़त व्यक्ति के गले और नाक में सूजन और इन्फेक्शन हो जाता है | हलाकि इलाज करने के बाद भी गले और नाक का इन्फेक्शन तब तक ठीक नहीं होता, जब तक यह साफ़ नहीं हो जाता | आइये जानते है साइनोसाइटिस के मुख्य लक्षण कौन-कौन से होते है :- 

 

  • नाक का बंद होना 
  • गले और नाक में जलन होना
  • चेहरे पर दबाव पड़ना और दर्द होना 
  • गंध के प्रति कम अनुभूति होना 

 

यदि बात करें कि साइनस क्या होता है तो यह आपके सिर में मौजूद चार युग्मित गुहाएँ होती है, जो संकीर्ण मार्ग को आपस में जोड़ती है | आमतौर पर साइनस का कार्य बलगम बनाना होता है, जो नाक के मार्ग से बाहर की तरफ निकलता है | इसके साथ ही जल निकासी नाक को साफ़ और कीटाणु जैसे रोगजनकों से मुक्त रखने में मदद भी करती है | 

 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह भी बताया की साइनोसाइटिस से पीड़ित व्यक्ति कई बार इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एलॉपथी दवाओं का सहारा ले लेते है, जो समस्या को कम करने के बजाये, इसे बढ़ावा देने का काम करती है | लेकिन घबराएं नहीं साइनोसाइटिस का होम्योपैथिक उपचार की मदद से आसानी से इलाज किया जा सकता है, क्योंकि होम्योपैथी दवाओं से शरीर पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव पड़ता और साथ ही यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में मदद भी करते है | 

 

यदि आप ही साइनोसाइटिस की समस्या से पीड़ित हो तो इलाज के लिए आज ही डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके आलावा आप डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है |    

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एक्जिमा क्या होता है और इसके मुख्य लक्षण कौन से है ? जाने होम्योपैथी से कैसे करें इसका इलाज

डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी के सीनियर डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक यूट्यूब शॉर्ट्स में यह बताया कि आज के समय में सबसे आम होने वाली समस्या में से एक है एक्जिमा, एक्जिमा एक किस्म की ऐसी समस्या है जिससे सामान्य-सी  दिखने वाली स्थिति भी त्वचा में लाल और सूजन जैसे विकार उतपन्न हो जाते है | त्वचा में कभी यह सुखी पपड़ी की तरह भी दिख सकता है या फिर कभी यह धब्बों के तरह भी दिख सकता है और कई बार गंभीर स्थिति होने पर यह छालों में परिवर्तित भी हो सकता है |   

 

अगर बात करें की एक्जिमा क्या होती है तो यह त्वचा से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को अपनी त्वचा  पर खुजली, लालिमा, सूजन और सूखापन जैसी समस्या होने लग जाती है | यह समस्या अक्सर शरीर की त्वचा पर पैच के रूप में दिखाई देने लग जाते है, जो पपड़ीदार और रिसने वाले तरल पदार्थ में परिवर्तित हो जाते है | हालाँकि इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति काफी असुविधाजनक हो जाता है, लेकिन एक्जिमा किसी भी तरह का संक्रामक नहीं होता है | यह एक तरह की चलनसार स्थिति होती है, जिसे होम्योपैथी की दवाओं से इसे प्रंबंधित और इसके लक्षण को कम किया जा सकता है | 

आइये जानते है एक्जिमा के मुख्य लक्षण कौन से :-    

 

एक्जिमा के प्रमुख लक्षण 

 

  • त्वचा में काफी खुजली होना  
  • सुखी त्वचा या फिर लालिमा होना 
  • खारिश के बाद त्वचा का सूज जाना
  • पपड़ीदार या फिर रिसने वाले पैच का उत्पन्न होना 
  • त्वचा पर गोल सा दाग पड़ना या फिर छाले पड़ना 
  • किसी भी तरह की चीज़ से आपकी त्वचा का संवेदनशील होना 

 

लेकिन इस बात का खासकर ध्यान रखें कि हर व्यक्ति में एक्जिमा के लक्षण अलग-अलग तरह से भी दिखाई देते है | यदि आप भी एक्जिमा की समस्या से गुज़र रहे है और होम्योपैथी इलाज करवाना चाहते है तो इसमें डॉ सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी आपकी संपूर्ण रूप से मदद कर सकता है | बाकियों दवाओं की तुलना में होम्योपैथी एकलौती ऐसी दवा है, जिससे शरीर पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं पड़ते | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथी दवाओं में स्पेशलिस्ट है जो इस समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है |

 

इसलिए आज ही  सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी नामक वेबसाइट पर हैं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है या फिर डॉक्टर सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है| इस चैनल पर आपको इस विषय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |     

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क्या होम्योपैथी दवाएं कर सकती है अस्थमा का इलाज, जानें एक्सपर्ट्स से क्या है इस पर उनकी राय

अस्थमा व्यक्ति के शरीर के श्वसन प्रणाली से जुड़ी एक गंभीर बीमारी होती है | वैसे तो यह बीमारी जीन के द्वारा बच्चों में आ जाती है, लेकिन आजकल के बदलती लाइफस्टाइल के कारण कई लोग इस बीमारी का शिकार भी हो रहे है | अस्थमा को भयंकर बीमारियों में एक माना जाता है, क्योंकि यह फेफड़ों में सांस जाने वाली नली को इतनी पतली कर देती है, जिस कारण पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ जाता है |  

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक की निदेशक और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपनी यूट्यूब चैंनले में पोस्ट  एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसका पूर्ण रूप से इलाज नहीं किया जा सकता, लेकिन आप इस बीमारी को नियंत्रित ज़रूर कर सकते है | अस्थमा के सामान्य लक्षणों में शामिल है साँस लेने में तकलीफ होना, खांसी होना, बलगम आना और सांस लेते दौरान घरघर जैसे आवाज़ का आना | जो एलॉपथी विशेषज्ञ होते है वह मरीज़ को इन्हेलर लेने की सलाह देते है, ताकि अस्थमा के अटैक से मरीज़ बचे रहे | लेकिन क्या आपको इस बात का पता है की होम्योपैथी उपचार से अस्थमा का प्राकृतिक रूप से इलाज किया जा सकता है | 

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक एकलौती एक ऐसी संस्था है जहाँ अस्थमा का इलाज होम्योपैथिक दवाओं के उपयोग से किया जाता है | यह न केवल समस्या से शरीर पर पड़ रहे प्रभाव को कम करता है, बल्कि समस्या को जड़ से ख़तम करने की भी कोशिश करता है | यह तो सभी जानते है की होम्योपैथिक दवाओं से शरीर पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता , इन दवाओं का असर भले ही धीरे-धीरे होता है, लेकिन यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में सक्षम होती है |  

 

यदि आप भी अस्थमा की समस्या से जूझ रहे है और एलॉपथी दवाओं का सहारा लेने के बाद भी स्थिति पर किसी भी तरह का सुधार नहीं आ रहा है तो आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक से परामर्श कर सकते है | इस संस्था की निदेशक और सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक में स्पेशलिस्ट है और इन्हे 18 से अधिक वर्षों का तज़र्बा है, जो अस्थमा जैसी गंभीर समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए आज ही डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करें या फिर आप दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट करें, यहाँ आपको इस समस्या से संबंधित संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी |        

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विटिलिगो या फिर सफ़ेद दाग के लिए होम्योपैथिक उपचार कौन से है ?

विटिलिगो त्वचा से जुड़ी एक ऐसी चिकित्सा बीमारी है, जिसमे व्यक्ति के शरीर के किसी भी हिस्से के त्वचा में सफ़ेद दाग और धब्बे नज़र आने लग जाते है | चिकित्स्कीय भाषा में इस समस्या को ल्यूकोडर्मा कहा जाता है | यह व्यक्ति के शरीर में किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है | यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब मानव शरीर में मौजूद कोशिकाएं मेलानोसाइट्स, जो मेलेनिन के उत्पादन करने का कार्य करती है, किसी कारणों से मर जाती है या फिर काम करना बंद कर देती है | विटिलिगो मानव के जीवन पर किसी भी प्रकार का संक्रमक या फिर खतरा नहीं होता है, लेकिन इससे दिखने वाली सफ़ेद धब्बे व्यक्ति के लिए तनावपूर्ण और खुद पर बुरा महसूस करवाती है | 

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक के निदेशक और सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि अक्सर लोग विलिटिगो की तुलना गंभीर बीमारियों से करते है | लेकिन यह समस्या इतनी भी गंभीर नहीं होती,  जीतन अलग दावा करते है | विलिटिगो समस्या तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति के शरीर में मौजूद प्रतीक्षा प्रणाली मेलानोसाइट्स कोशिकाएं पर हमला कर देते है है जिसकी वजह से यह कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाते है | इसके अधिकतर लक्षण में यह शरीर के किसी भी हिस्से में सफ़ेद धब्बे के रूप में नज़र आने लग जाता है | इसके अलावा त्वचा के वर्णक का कम होना भी विटिलिगो के लक्षणों में शामिल है |  

 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह बताया की विटिलिगो का कोई वास्तविक इलाज नहीं है, लेकिन होम्योपैथी एकमात्र ऐसी दवाई है, जिसके उपयोग से त्वचा के रंग में हो रहे नुकसान की प्रक्रिया को रोकने और धीमी करने में मदद मिल सकती है और साथ ही यह त्वचा के पिग्मेंट को बढ़ाने का भी कार्य करती है | यदि आप भी विटिलिगो की समस्या से गुजर रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो आप इसके लिए डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक से परामर्श कर करते है | 

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक किसी भी समस्या के कारणों पर नहीं, बल्कि जड़ से ख़तम करने के लिए उपचार करती  है | यह बात तो सभी जानते है की होम्योपैथी दवाओं से शरीर पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है | इस संस्था में  बहुत ही सहज तरीके से हर बिमारियों का उपचार किया जाता है | 

 

इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी | इसके अलावा आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक से भी संपर्क कर सकते है, इस संस्था के डॉ सोनल जैन होम्योपैथी दवाओं में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है |

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बवासीर जैसी समस्या से निजात पाने के लिए होम्योपैथी है उत्तम, जानिए कैसे ?

भारत इकलौता ऐसा देश है, जहाँ मिर्च-मसालों का सेवन सबसे ज्यादा होता है, जिस वजह से यहाँ पाइल्स जैसी बीमारी का होना बहुत आम है | जिससे बवासीर, अर्श और हेमोर्रोइड्स की समस्या भी कहा जाता है | पाइल्स यानी बवासीर एक किस्म की गंभीर और तकलीफदेह रोग है, जिसके सबसे ज़्यादा मामले भारत में पाए जाते है | इस रोग से अधिकतर लोग पीड़ित है, खासकर महिलाएं जो शर्म और झिझक के कारण किसी को भी इस समस्या के बारे में नहीं बताती है और तकलीफ से जूझती रहती है | 

 

पाइल्स क्या है ?  

पाइल्स की वजह से गूदे की शिराओं में सूजन आ जाती है, जिसके चलते उस स्थान पर मस्से जैसे बन जाते है | आम भाषा में इस समस्या को बवासीर के मस्से भी कहते है | इस सूजन के कारण मल त्यागते दौरान काफी तकलीफ होती है साथ ही उसके बाद मस्से बने क्षेत्र में दर्द, जलन और खुजली होने लगती है | 

 

पाइल्स कितने प्रकार के होते है ?  

पाइल्स दो तरह के होते है इंटरनल और एक्सटर्नल | कई लोग इस समस्या को बादी या फिर खुनी बवासीर भी कहते है | बादी बवासीर में मस्से बने क्षेत्र में दर्द और बहुत जलन होता है, लेकिन खून नहीं निकलता | वही खुनी बवासीर में दर्द और जलन जैसी समस्या नहीं होती, लेकिन ब्लीडिंग होने लगती है | 

 

पाइल्स होने के मुख्य कारण क्या है ?  

  • कब्ज़ की समस्या का होना 
  • अनियमित दैनिक कार्य 
  • बार-बार दस्त या पेचिस की समस्या होना  
  • गर्भावस्था के दौरान 
  • विरासत अनुवांशिक
  • बहुत समय तक एक जगह में बैठे रहना 
  • मोटापे की वजह से 
  • बुढ़ापे के आने से 
  • ख़राब खानपान 
  • किसी बीमारी की वजह से 

 

पाइल्स होने के मुख्य लक्षण क्या है ?    

  • अनुस में मस्से का उत्पन्न होना 
  • मल त्यागते समय दर्द, जलन और खुजली होना 
  • बैठने समय अत्यधिक दर्द का अनुभव होना 
  • मलद्वार क्षेत्र में सूजन या फिर लाल हो जाती है 
  • मल त्यागते समय ब्लीडिंग होना 
  • पेशाब करने के लिए बार-बार जाना 
  • कोई पुराना रोग की वजह से कमर दर्द 
  • कमज़ोर महसूस होना 

 

होम्योपैथिक उपचार कैसे करें ?    

यह बात तो सभी को पता है की होम्योपैथिक दवाओं से किसी भी तरह का शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है | भले ही इसकी प्रक्रिया बाकियों के मुकलबले काफी स्लो है लेकिन यह समस्या को जड़ से ख़तम कर देता है | इसलिए होम्योपैथिक उपचार से पाइल्स बिना किसी दर्द और दुष्प्रभाव से ठीक हो सकता है | अगर आप भी पाइल्स की बीमारी से जूझ रहे है और होम्योपैथिक उपचार करवाना चाहते है तो इसके लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी से संपर्क कर सकते है, इस संस्था की डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथी दवाओं में एक्सपर्ट है, जो इस पाइल्स जैसी समस्या को जड़ से ख़तम करने में आपकी मदद कर सकता है |  

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क्या होम्योपैथी उपचार से हो सकता है पीसीओडी की समस्या का इलाज ?

पीसीओडी एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से महिलाओं में हार्मोनल विकार के कारण अंडाशय काफी बड़ा हो जाता है और इसके बाहरी किनारों में सिस्ट बनने लग जाता है | यह एक किस्म की हार्मोनल असंतुलन स्थिति होती है जो महिला के गर्भ में अंडाशय को काफी प्रभावित करती है, जिसके परिणामस्वरूप छोटे-छोटे सिस्ट उत्पन्न हो जाते है | आइये जानते इस समस्या के बारे विस्तारपूवर्क से :- 

ड़ॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया की पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज यानी पीसीओडी महिलाओं की प्रजनन आयो में सबसे आम एंडोक्रिनोपैथी है, जिसकी वजह से इन्सुलिन के प्रतिरोध और प्रतिपूरक हाईपरइंसुलिनमिया की समस्या उत्पन्न्न हो जाती है | जिससे महिलाओं के अंडाशय काफी प्रभावित हो जाते है और साथ ही इसके बाहर छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते है | 

पीसीओडी के लक्षण कौन से है? 

इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है :-  

  • वजन का बढ़ना
  • अनियमित रूप से मासिक चक्र का होना
  • चेहरे पर बालो का उगना 
  • पुरुषों में गंजेपन की स्थिति होना 
  • मुँहासे का कभी ठीक न होना 
  • गर्दन के आसपास ख़राब हो जाना 
  • बांझपन की समस्या होना 
  • चेहरे के त्वचा के रंग का काला पड़ना या फिर किसी भी शरीर के अंग में काला धब्बा पड़ना 
  • कुछ महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन की वजह से सिरदर्द भी लगता है | 

पीसीओडी होने के मुख्य कारण क्या है? 

इसके मुख्य कारण है कुछ इस प्रकार है :-  

  • बांझपन हो जाना 
  • गर्भपात की समस्या या फिर समय से पहले शिशु का जनम होना 
  • नॉन-अल्कोहोलिक स्टिटोहेपेटीएस के कारण होने वाली गंभीर यकृत सूजन होना 
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम से उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा जैसे की कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना और हृदय से जुड़े समस्या को भी बढ़ावा देता है | 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह भी बताया की पीसीओडी के उपचार के लिए होमेओपेथी एक ऐसा विकल्प है जिससे इस समस्या को जड़ से ख़तम किया जा सकता है | यह बात तो सभी को जानते है की होमियोपैथी उपचार से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है | भले ही होमियोपैथी दवाओं की प्रक्रिया बहुत धीरे है लेकिन यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में सक्षम भी है |   

इस वीडियो में पीसीओडी से पीड़ित महिला नाम नाती गेलकर ने बताया की कोविड जैसी महामरी के दौरान वह पीसीओडी समस्या का शिकार हो गयी थी | जिसकी वजह से वह अनियमित मासिक धर्म चक्र की समस्या से गुजर रही थी और उनका वजन भी बढ़ाने लग गया था | इसके इलाज के लिए उन्होंने अलोपथी दवाओं का सहारा भी लिया था परन्तु कोई असर नहीं हुआ | जब उन्हें डॉक्टर सोनल जैन के बारे में पता लगा तो उन्होंने बिना सोचे यहाँ से परीक्षण करवाने का निर्णय ले लिया | जिनके द्वारा बातये गए होमियोपैथी दवाओं के सेवन से यह समस्या कुछ ही दिनों में कम हो गयी और आज इस समस्या से उन्हें मुक्ति भी मिल गयी है | ड़ॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होमेओथी दवाओं में स्पेशलिस्ट जिससे आपको इस समस्या से प्रकृतिक रूप से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है |

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एलर्जी से प्रबंधन के लिए होम्योपैथी का चुनाव क्यों करें, जानें एक्सपर्ट्स क्या है उनकी सलाह

रायनाइटिस और हे फीवर की तरह और भी ऐसी कई मौसमी एलर्जी होती है जिससे लाखों की संख्या में लोग जुझ रहे है | हलाकि एलोपैथिक दवा के सेवन और घरेलु उपचार से भी यह समस्या दूर नहीं होती | ऐसे समय पर आप होम्योपैथिक उपचार का सहारा ले सकते है | होम्योपैथिक उपचार एक ऐसा उपचार से जिससे कोई शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता और समस्या भी दूर हो जाती है | 

 

डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी के डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट यूट्यूब शॉर्ट्स के माध्यम से यह बताया कि दुनिया भर में लाखों लोग कई तरह के एलर्जी की समस्या से जूझ रहे है, जिससे कम करने के लिए लोग एलोपैथी दवाओं का सहारा लेते है, जो इस एलर्जी को कम करने के बजाये इससे बढ़ावा देते है | लेकिन होम्योपैथिक की दवाएं इन एलर्जी के लिए सबसे अच्छी दवा होती है, क्योंकि यह दवाएं सस्ती होती है और हर बार अपना कार्य करने में सक्षम भी होते     है |

 

उदाहरण के लिए अगर बात करें हे फीवर जैसे एलर्जी की, तो यह एलर्जी अलग-अलग मौसम में भिन्न-भिन्न तरह के पदार्थों से शुरू हो जाता है | यह एलर्जी तब उजागर होती है आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पराग जैसे हानिरहित पदार्थों को खतरनाक मानने लगती है और उससे रक्षा के लिए रसायन तत्व को छोड़ने लगती है | आइये जानते है इसके मुख्य लक्षण :- 

 

  • बार-बार छींक आना 
  • नाक का बहते रहना 
  • आंखे गीली रहना और खुजली होना
  • गले में खुजली होना 
  • कान में जमाव होना 
  • सिरदर्द होता 
  • लगातार खाँसना आदि 

 

ऐसे मौसमी एलर्जी के लिए कुछ होम्योपैथिक उपचार होते है, जो किसी योग्य होम्योपैथी से ही परामर्श किया जा सकता है | होम्योपैथी दवाओं  के अन्य लाभ यह है कि यह अत्यंत किफायती होने साथ साथ शरीर के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और वास्तविक भी होते है | यह बात तो सभी जानते है की होम्योपैथिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं होते | यह समस्या को तेज़ी से ठीक भी करता है और इससे रोकथाम के लिए संकेत भी करता है | 

 

यदि आप भी किसी एलर्जी से परेशान हो और इलाज करवाना चाहते हो तो आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी से परामर्श कर सकते है,इस संस्था के डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथिक दवाओं में एक्सपर्ट है, जो आपके इस समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है |