Categories
Allergy

Homeopathy’s approach to seasonal allergy relief.

People prefer homeopathic treatment over allopathic because of its long-lasting results. Preparing homeopathic remedies involves a series of dilutions and forceful shaking or succussion. The diluting process minimizes possible negative consequences while maximizing the substance’s medicinal benefits. Plants, minerals, animals, and naturally harmful items can be used for homeopathic treatments.

 

What is the definition of Homeopathic treatment? 

A complementary and alternative medicine known as homeopathy employs minimal concentrations of natural compounds that, in more significant concentrations, have the potential to induce disease or create symptoms. Many conditions, including colds, upset stomachs, discomfort and menopausal hot flashes, can be treated using homeopathy; nevertheless, the efficacy of homeopathic remedies is not well supported by data. 

 

Some common types of seasonal allergies. 

Allergens present at specific periods of the year cause seasonal allergies, sometimes called hay fever or allergic rhinitis. People can meet the best doctor for Allergy treatment in Mumbai. Typical seasonal allergies include the following:

  • Pollen Allergy: When plants are in flower in the spring and autumn, pollen from trees, grasses and weeds can cause allergic reactions. People might be affected by various kinds of pollen at different periods of the year.
  • Mold Allergy: Mold spores are present outside and indoors, although they are more prevalent outside during warm, muggy weather. Symptoms of mold allergies might be shared throughout the summer and early fall.
  • Grass allergy: In spring and summer, when grasses are in bloom and releasing pollen into the air, many people are impacted by grass pollen, a frequent allergen.
  • Tree Allergy: A significant cause of allergy symptoms for many people is pollen, released by various tree species at multiple points during the spring.
  • Allergy to Weeds: Certain weeds, like ragweed, are known to cause allergy reactions, particularly in the late summer and early autumn, when they release much pollen into the atmosphere.
  • Ragweed Allergy: Ragweed is a common cause of autumn allergies due to its highly allergic and widely distributed pollen.

 

Treatment of seasonal allergies through homeopathy. 

Seasonal allergy homeopathic treatment reduces symptoms and encourages the body’s healing mechanisms. The following six popular homeopathic therapies can be used to address seasonal allergies: 

  • Allium cepa: The common onion, allium cepa, is used to make a cure for allergic rhinitis, which is characterized by symptoms including watery, burning nasal discharge, frequent sneezing and irritated, watery eyes. In heated environments, symptoms might get worse; outside, they might get better.
  • Arsenicum album: Arsenic, or Arsenicum album, is recommended for allergy-causing symptoms, including watery, burning nasal discharge, sneezing, and restlessness or anxiety. Symptoms could worsen at night; however, warmth and hot beverages can help.
  • Euphrasia officinalis: Euphrasia treats allergies that cause symptoms like frequent sneezing, bland nasal discharge and copious, sharp eye tears. Symptoms can go worse at night and get better in the open. 
  • Sabadilla: Sabadilla is recommended for allergies that cause symptoms, including watery nasal discharge, tingling and itching in the nose, and forceful sneezing. Strong smells, dust and chilly air might exacerbate symptoms. 
  • Natrum muriaticum: This medication treats allergies that cause runny nose, sneezing and a clogged nose sensation. Exposure to sunlight, heat and emotional stress might exacerbate symptoms. 
  • Wyethia helenioides: Wyethia is recommended for allergies that cause symptoms, including a dry, irritating cough, a lumpy feeling in the throat, and itching and tickling. Talking and cold air might exacerbate symptoms. 

 

Nowadays, people prefer homeopathic treatment because of its benefits, and the results of homeopathic medicines are long-lasting. The best Homeopathy doctor in Mumbai gives you appropriate guidance about allergy and homeopathy treatments. Contact Dr Sonal’s Jain homeopathy clinic for the treatment of seasonal allergies. 

Categories
Hair Loss

बालों का झड़ना कम करने के घरेलू उपाय।

चमत्कारी परिणामों का वादा करने वाले बाल देखभाल उत्पादों की एक श्रृंखला से भरी दुनिया में, हमारी रसोई और बगीचों में मौजूद सरल लेकिन शक्तिशाली समाधानों को नजरअंदाज करना आसान है। बालों की देखभाल के लिए घरेलू उपचार पीढ़ियों से प्रचलित रहे है, जो एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते है जो न केवल लक्षणों का समाधान करता है बल्कि समस्या की जड़ो को भी पोषण देता है। व्यक्तियों के सामने आने वाली सबसे आम चिंताओं में से एक है बालों का झड़ना, एक चिंताजनक समस्या जो आत्मविश्वास और कल्याण को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है।  

  

उपचारों पर विचार करने से पहले, बालों के झड़ने में योगदान देने वाले कारकों को समझना महत्वपूर्ण है। जबकि अनुवांशिकी, हार्मोनल असंतुलन और चिकित्सीय स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, पर्यावरणीय कारक, तनाव और अपर्याप्त पोषण भी समस्या में योगदान करते है। बाल तब झड़ते है जब बालों के रोम कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाते है, जिससे समय से पहले झड़ना या टूटना शुरू हो जाता है। 

 

घरेलू उपचार प्राकृतिक अवयवों और पारंपरिक ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाते हुए, व्यावसायिक बाल देखभाल उत्पादों के लिए एक आकर्षक विकल्प प्रदान करते है। यह उपचार न केवल लक्षणों का समाधान करते है, जिसे स्वस्थ, अथिक लचीले बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है। जो चीज घरेलू उपचारों को अलग करती है, वह है उनकी पहुंच, लागत-प्रभावशीलता और प्रतिकूल प्रभावों का न्यूनतम जोखिम, जो उन्हें सौम्य लेकिन प्रभावी  समाधान चाहने वालों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनता है।    

 

  • मेथी के बीज

लंबे समय से अपने असंख्य लाभों के लिए मनाए जाते है, जिनमे बालों के झड़ने से निपटने की क्षमता भी शामिल है। मुख्य लाभ जैसे : 

  • प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड से भरपूर
  • सिर की त्वचा को पोषण देता है
  • बाल शाफ्ट को मजबूत करता है
  • रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करता है
  • रूसी और सिर की जलन को कम करता है
  • पीएच लेवल को संतुलित करता है
  • चमक जोड़े 
  • प्राकृतिक कंडीशनर

 

  • एलोवेरा

एलोवेरा एक बहुमुखी पौधा है जो अपने कई स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है, जिससे बालों के झड़ने को संभोधित करने में इसकी प्रभावशीलता भी शामिल है।    जेल खोपड़ी को आराम देता है, पीएच स्तर को संतुलित करता है, और सूजन और रूसी को कम करते हुए सुरक्षित और सौम्य से बालों के विकास को उत्तेजित करता है।

 

  • प्याज का रस

प्याज के रस ने बालों के झड़ने की समस्या को दूर करने और बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में लोकप्रियता हासिल की है।सल्फर से भरपूर, कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देते प्याज का रस बालों के रोमों को मजबूत करता है, परिसंचरण को बढ़ावा देता है और पुनर्विकास को प्रोत्साहित करता है। अतिरित्क लाभ के लिए इसे सीधे खोपड़ी और बालों पर लगाया जा सकता है या शहद, नारियाल तेल, या एलोवेरा जैसे अन्य प्राकृतिक अवयवों के साथ मिलाया जा सकता है।  

 

  • अंडे का मास्क

अंडे में मौजूद पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण बालों के झड़ने की समस्या के लिए अंडे का मास्क इस्तमाल करना एक लोकप्रिय और प्रभावी प्राकृतिक उपचार है। अंडे प्रोटीन, विटामिन और खनिज, बायोटिन और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो बालों को मजबूत बनाते हैं, मजबूती और जीवन शक्ति प्रदान करते हैं। 

  • आंवला

आयुर्वेद में एक पूजनीय फल है जो अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, जिसमे बालों के झड़ने को रोकना में इसकी प्रभावशीलता भी शामिल है। मुख्य लाभ जैसे : 

  • विटामिन सी से भरपूर- जो कोलेजन उत्पादन के लिए आवश्यक है। बालों की मजबूती और लोच बनाए रखने, टूटने और झड़ने की समस्या को कम करने के लिए कोलेजन महत्वपूर्ण है। 
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण  
  • आंवले में मौजूद विटामिन, खनिज और अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व बालों के रोमों को पोषण देते हैं और बालों को जड़ से सिरे तक मजबूत बनाते हैं।
  • आंवला मेलेनिन उत्पादन को बढ़ावा देकर बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकने में मदद करता है। मेलेनिन बालों के रंग के लिए जिम्मेदार वर्णक है, और मेलेनिन का पर्याप्त स्तर बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे सफेद बालों की उपस्थिति कम हो जाती है।

 

यह घरेलू नुस्खे हर किसी पर असर नहीं कर सकते लेकिन उन्हें एक बार इस्तेमाल करके देख लेना चाहिए। अगर ज्यादा गंभीर स्थिति हो जाए तो किसी हेयर स्पेशलिस्ट डॉक्टर को जरूर संपर्क करना चाहिए। 

Categories
Hindi vitiligo

विटिलिगो या फिर सफ़ेद दाग के लिए होम्योपैथिक उपचार कौन से है ?

विटिलिगो त्वचा से जुड़ी एक ऐसी चिकित्सा बीमारी है, जिसमे व्यक्ति के शरीर के किसी भी हिस्से के त्वचा में सफ़ेद दाग और धब्बे नज़र आने लग जाते है | चिकित्स्कीय भाषा में इस समस्या को ल्यूकोडर्मा कहा जाता है | यह व्यक्ति के शरीर में किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है | यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब मानव शरीर में मौजूद कोशिकाएं मेलानोसाइट्स, जो मेलेनिन के उत्पादन करने का कार्य करती है, किसी कारणों से मर जाती है या फिर काम करना बंद कर देती है | विटिलिगो मानव के जीवन पर किसी भी प्रकार का संक्रमक या फिर खतरा नहीं होता है, लेकिन इससे दिखने वाली सफ़ेद धब्बे व्यक्ति के लिए तनावपूर्ण और खुद पर बुरा महसूस करवाती है | 

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक के निदेशक और सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि अक्सर लोग विलिटिगो की तुलना गंभीर बीमारियों से करते है | लेकिन यह समस्या इतनी भी गंभीर नहीं होती,  जीतन अलग दावा करते है | विलिटिगो समस्या तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति के शरीर में मौजूद प्रतीक्षा प्रणाली मेलानोसाइट्स कोशिकाएं पर हमला कर देते है है जिसकी वजह से यह कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाते है | इसके अधिकतर लक्षण में यह शरीर के किसी भी हिस्से में सफ़ेद धब्बे के रूप में नज़र आने लग जाता है | इसके अलावा त्वचा के वर्णक का कम होना भी विटिलिगो के लक्षणों में शामिल है |  

 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह बताया की विटिलिगो का कोई वास्तविक इलाज नहीं है, लेकिन होम्योपैथी एकमात्र ऐसी दवाई है, जिसके उपयोग से त्वचा के रंग में हो रहे नुकसान की प्रक्रिया को रोकने और धीमी करने में मदद मिल सकती है और साथ ही यह त्वचा के पिग्मेंट को बढ़ाने का भी कार्य करती है | यदि आप भी विटिलिगो की समस्या से गुजर रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो आप इसके लिए डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक से परामर्श कर करते है | 

 

डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक किसी भी समस्या के कारणों पर नहीं, बल्कि जड़ से ख़तम करने के लिए उपचार करती  है | यह बात तो सभी जानते है की होम्योपैथी दवाओं से शरीर पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है | इस संस्था में  बहुत ही सहज तरीके से हर बिमारियों का उपचार किया जाता है | 

 

इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी | इसके अलावा आप डॉ सोनल जैन होम्योपैथिक क्लिनिक से भी संपर्क कर सकते है, इस संस्था के डॉ सोनल जैन होम्योपैथी दवाओं में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है |

Categories
Homeopathic Doctor

Boost Your Child’s Immunity Naturally

There is rarely any instance where parents are willing to compromise the health of their own child. It is absolutely imperative to any parent that their child remains healthy and develops according to their age. It can be incredibly rough for any parent – especially a first-time parent – to see their child fall sick. As much as it is a part of life, it can be an overwhelming experience. Particularly when your child regularly falls ill, over and over again. There are only so many times a person can blame it on the weather – there might be a chance that your child does not have a proper immunity system.

It can be a hard pill to accept that you cannot do anything to help your child. A weakened immunity system can endanger your child’s health. With Dr Sonal Jain’s homoeopathic solutions, you can build your child’s immunity over time. With homoeopathy’s natural approach, your child can slowly build up their immunity over time. With our specialized approach, we tailor each treatment plan to your little one’s needs and requirements. 

 

View this post on Instagram

 

A post shared by DrSonal Jain (@drsonal013)

We know it will be difficult to acknowledge this reality, especially when you have done everything correctly. But with Dr Sonal Jain’s years worth of experience with homeopathy, you can put your faith in the process. We are here to help out your little ones. Visit our website for more information, and book your appointment today!

Categories
Hindi

बवासीर जैसी समस्या से निजात पाने के लिए होम्योपैथी है उत्तम, जानिए कैसे ?

भारत इकलौता ऐसा देश है, जहाँ मिर्च-मसालों का सेवन सबसे ज्यादा होता है, जिस वजह से यहाँ पाइल्स जैसी बीमारी का होना बहुत आम है | जिससे बवासीर, अर्श और हेमोर्रोइड्स की समस्या भी कहा जाता है | पाइल्स यानी बवासीर एक किस्म की गंभीर और तकलीफदेह रोग है, जिसके सबसे ज़्यादा मामले भारत में पाए जाते है | इस रोग से अधिकतर लोग पीड़ित है, खासकर महिलाएं जो शर्म और झिझक के कारण किसी को भी इस समस्या के बारे में नहीं बताती है और तकलीफ से जूझती रहती है | 

 

पाइल्स क्या है ?  

पाइल्स की वजह से गूदे की शिराओं में सूजन आ जाती है, जिसके चलते उस स्थान पर मस्से जैसे बन जाते है | आम भाषा में इस समस्या को बवासीर के मस्से भी कहते है | इस सूजन के कारण मल त्यागते दौरान काफी तकलीफ होती है साथ ही उसके बाद मस्से बने क्षेत्र में दर्द, जलन और खुजली होने लगती है | 

 

पाइल्स कितने प्रकार के होते है ?  

पाइल्स दो तरह के होते है इंटरनल और एक्सटर्नल | कई लोग इस समस्या को बादी या फिर खुनी बवासीर भी कहते है | बादी बवासीर में मस्से बने क्षेत्र में दर्द और बहुत जलन होता है, लेकिन खून नहीं निकलता | वही खुनी बवासीर में दर्द और जलन जैसी समस्या नहीं होती, लेकिन ब्लीडिंग होने लगती है | 

 

पाइल्स होने के मुख्य कारण क्या है ?  

  • कब्ज़ की समस्या का होना 
  • अनियमित दैनिक कार्य 
  • बार-बार दस्त या पेचिस की समस्या होना  
  • गर्भावस्था के दौरान 
  • विरासत अनुवांशिक
  • बहुत समय तक एक जगह में बैठे रहना 
  • मोटापे की वजह से 
  • बुढ़ापे के आने से 
  • ख़राब खानपान 
  • किसी बीमारी की वजह से 

 

पाइल्स होने के मुख्य लक्षण क्या है ?    

  • अनुस में मस्से का उत्पन्न होना 
  • मल त्यागते समय दर्द, जलन और खुजली होना 
  • बैठने समय अत्यधिक दर्द का अनुभव होना 
  • मलद्वार क्षेत्र में सूजन या फिर लाल हो जाती है 
  • मल त्यागते समय ब्लीडिंग होना 
  • पेशाब करने के लिए बार-बार जाना 
  • कोई पुराना रोग की वजह से कमर दर्द 
  • कमज़ोर महसूस होना 

 

होम्योपैथिक उपचार कैसे करें ?    

यह बात तो सभी को पता है की होम्योपैथिक दवाओं से किसी भी तरह का शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है | भले ही इसकी प्रक्रिया बाकियों के मुकलबले काफी स्लो है लेकिन यह समस्या को जड़ से ख़तम कर देता है | इसलिए होम्योपैथिक उपचार से पाइल्स बिना किसी दर्द और दुष्प्रभाव से ठीक हो सकता है | अगर आप भी पाइल्स की बीमारी से जूझ रहे है और होम्योपैथिक उपचार करवाना चाहते है तो इसके लिए आप डॉ सोनल जैन हीलिंग विथ होम्योपैथी से संपर्क कर सकते है, इस संस्था की डॉक्टर सोनल जैन होम्योपैथी दवाओं में एक्सपर्ट है, जो इस पाइल्स जैसी समस्या को जड़ से ख़तम करने में आपकी मदद कर सकता है |  

Categories
Hindi

क्या होम्योपैथी उपचार से हो सकता है पीसीओडी की समस्या का इलाज ?

पीसीओडी एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से महिलाओं में हार्मोनल विकार के कारण अंडाशय काफी बड़ा हो जाता है और इसके बाहरी किनारों में सिस्ट बनने लग जाता है | यह एक किस्म की हार्मोनल असंतुलन स्थिति होती है जो महिला के गर्भ में अंडाशय को काफी प्रभावित करती है, जिसके परिणामस्वरूप छोटे-छोटे सिस्ट उत्पन्न हो जाते है | आइये जानते इस समस्या के बारे विस्तारपूवर्क से :- 

ड़ॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया की पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज यानी पीसीओडी महिलाओं की प्रजनन आयो में सबसे आम एंडोक्रिनोपैथी है, जिसकी वजह से इन्सुलिन के प्रतिरोध और प्रतिपूरक हाईपरइंसुलिनमिया की समस्या उत्पन्न्न हो जाती है | जिससे महिलाओं के अंडाशय काफी प्रभावित हो जाते है और साथ ही इसके बाहर छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते है | 

पीसीओडी के लक्षण कौन से है? 

इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है :-  

  • वजन का बढ़ना
  • अनियमित रूप से मासिक चक्र का होना
  • चेहरे पर बालो का उगना 
  • पुरुषों में गंजेपन की स्थिति होना 
  • मुँहासे का कभी ठीक न होना 
  • गर्दन के आसपास ख़राब हो जाना 
  • बांझपन की समस्या होना 
  • चेहरे के त्वचा के रंग का काला पड़ना या फिर किसी भी शरीर के अंग में काला धब्बा पड़ना 
  • कुछ महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन की वजह से सिरदर्द भी लगता है | 

पीसीओडी होने के मुख्य कारण क्या है? 

इसके मुख्य कारण है कुछ इस प्रकार है :-  

  • बांझपन हो जाना 
  • गर्भपात की समस्या या फिर समय से पहले शिशु का जनम होना 
  • नॉन-अल्कोहोलिक स्टिटोहेपेटीएस के कारण होने वाली गंभीर यकृत सूजन होना 
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम से उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा जैसे की कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना और हृदय से जुड़े समस्या को भी बढ़ावा देता है | 

डॉक्टर सोनल जैन ने यह भी बताया की पीसीओडी के उपचार के लिए होमेओपेथी एक ऐसा विकल्प है जिससे इस समस्या को जड़ से ख़तम किया जा सकता है | यह बात तो सभी को जानते है की होमियोपैथी उपचार से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है | भले ही होमियोपैथी दवाओं की प्रक्रिया बहुत धीरे है लेकिन यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में सक्षम भी है |   

इस वीडियो में पीसीओडी से पीड़ित महिला नाम नाती गेलकर ने बताया की कोविड जैसी महामरी के दौरान वह पीसीओडी समस्या का शिकार हो गयी थी | जिसकी वजह से वह अनियमित मासिक धर्म चक्र की समस्या से गुजर रही थी और उनका वजन भी बढ़ाने लग गया था | इसके इलाज के लिए उन्होंने अलोपथी दवाओं का सहारा भी लिया था परन्तु कोई असर नहीं हुआ | जब उन्हें डॉक्टर सोनल जैन के बारे में पता लगा तो उन्होंने बिना सोचे यहाँ से परीक्षण करवाने का निर्णय ले लिया | जिनके द्वारा बातये गए होमियोपैथी दवाओं के सेवन से यह समस्या कुछ ही दिनों में कम हो गयी और आज इस समस्या से उन्हें मुक्ति भी मिल गयी है | ड़ॉ सोनल हीलिंग विथ होमियोपैथी के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर सोनल जैन होमेओथी दवाओं में स्पेशलिस्ट जिससे आपको इस समस्या से प्रकृतिक रूप से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है |