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महिलाओं को होने वाले थायराइड के मुख्य लक्षण, कारण और कैसे करें इलाज ?

असंतुलन हार्मोन, तनाव, आयोडीन की कमी, वायरल संक्रमण आदि के कारण, महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है | उन्ही में से एक है थायराइड की समस्या, जो महिलाओं को कई तरह से प्रभावित कर सकती है | आइये जानते है थायराइड के बारे में विस्तारपूर्वक से :- 

थायराइड क्या है ? 

 

थायराइड मानव के शरीर के गले के आगे एक ग्रंथि होता है, जिसका आकार तितली की तरह होता है | यह ग्रंथि शरीर के अनेकों आवश्यक गतिविधियों को नियंत्रित करने का कार्य करता है, जैसे कि भोजन को ऊर्जा में बदलना आदि | थायराइड शरीर में दो तरह के हार्मोन के निर्माण करता है, पहला है टी 3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन और दूसरा है टी 4 यानी थायरोक्सिन | यह हार्मोन का काम शरीर में दिल की धड़कन, सांस, पाचन तंत्र, शरीर का तापमान, हड्डियां, माँसपेशिययाँ और कोलेस्ट्रॉल को संतुलित बनाये रखने का होता है | 

 

जब यह दोनों हार्मोन अनियमित रुप से बढ़ने लग जाते है, तो इस स्थिति को थायराइड की समस्या कहा जाता है | पुरुषों की तुलना में यह रोग महिलाओं को सबसे अधिक प्रभाविता करती है | इसके साथ एक गर्भवती महिला को भी थायराइड की समस्या प्रभावित कर सकता है | यदि अब बात करें की एक महिला में थायराइड का कितना होना चाहिए तो थायराइड का सामान्य श्रेणी 0. 4-4.0 ml तक होता है, इसलिए हर व्यक्ति के शरीर में इसी श्रेणी के बीच थायराइड का स्तर होना बेहद महत्वपूर्ण होता है | आइये जानते है थायराइड कितने प्रकार के होते है :- 

 

थायराइड कितने प्रकार के होते है ? 

 

शरीर में थायराइड को दो रूप से जाना जाता है, पहला है हाइपरथायरायडिज़्म और दूसरा है हाइपोरथायरायडिज़्म :- 

 

  • हाइपरथायरायडिज़्म की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब आपके शरीर में मौजूद थायराइड टी 4 यानी थायरोक्सिन का अनियमित रूप से उत्पादन करने लग जाता है | यह थायराइड विकार आपके शरीर में तेज़ी से बढ़ने लग जाता है, जो वजन को तेज़ी से घटाने और अनियमित रूप से दिल की धड़कन को तेज़ी से बढ़ा सकता  है |  

  • हाइपोरथायरायडिज़्म एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें थायराइड शरीर में कुछ आवश्यक हार्मोन का उत्पादन करना बंद कर देता है | जब शरीर में हार्मोन बहुत कम मात्रा में मौजूद होते है तो इससे महिलाएं सबसे अधिक थका हुआ महसूस करती है | इसके अलावा इस स्थिति में शरीर का वजन बढ़ जाता है और ठंडे तापमान को सहन करने की शक्ति कम हो जाती है | 

 

थायराइड के प्रमुख कारण क्या है ? 

 

  • वायरल संक्रमण की चपेट में आना, थायराइड की समस्या हो सकती है | 
  • जो महिला को अधिक स्ट्रेस और तनाव में रहती है, उन्हें थायराइड होने का सबसे अधिक खतरा रहता है | 
  • एक शिशु को जन्म देने के बाद भी कई महिलाओं में थायराइड की समस्या पैसा होना का खतरा रहता है | 
  • जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है, तो इससे भी थायराइड के बढ़ना का खतरा रहता है | 
  • शरीर में हुए हार्मोनल असंतुलन होने के कारण भी थायराइड की समस्या उत्पन्न हो सकता है | 

थायराइड के प्रमुख लक्षण कौन-से है ?   

 

महिलाओं में थायराइड होने के प्रमुख लक्षणों में से एक है गले में मौजूद ग्रंथि में सूजन आना, हालाँकि यह ज़रूरी नहीं होता की प्रत्येक महिलाओं में यह लक्षण दिखाई दे, कुछ अन्य लक्षण भी होते है, जैसे की :- 

 

जब महिलाओं में हाइपरथायरायडिज़्म का स्तर बढ़ता है, तो इससे निम्नलिखित लक्षण दिखायी देते है :- 

 

  • वजन का कम होना 
  • चिड़चिड़ापन होना 
  • दस्त 
  • गर्मी को बर्दाश्त न कर पाना 
  • आसानी से पसीना आना 
  • हाथ का कांपना 
  • आँखों में खुजली होना 

 

जब महिलाओं में हाइपोरथायरायडिज़्म का स्तर बढ़ता है, तो इससे निम्नलिखित लक्षण दिखायी देते है :- 

 

  • वजन का बढ़ना 
  • यादाश्त कमज़ोर होनी 
  • आवाज़ में कर्कश होना 
  • कमज़ोरी महसूस होनी 
  • बालों में सुर्ख या मोटापा बढ़ना 
  • त्वचा का शुष्क होना 
  • कब्ज़ की समस्या होना 
  • मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहना 
  • दिल की धड़कन का धीमी होना आदि 

 

थायराइड से कैसे पाएं निदान ? 

 

महिलाओं में थायराइड का इलाज उनके उम्र और स्थिति पर निर्भर करता है | थायराइड से निदान कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे की दवाएं का सेवन करके, रेडियोएक्टिव, आयोडीन उपचार, लेवोथायरोक्सिन और सर्जरी आदि शामिल है | लेकिन आपको बता दें, होम्योपैथिक उपचार एकलौता ऐसा इलाज है, जिससे माध्यम से आप बिना संघर्ष किये थायराइड का इलाज कर सकते है | 

  

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