ब्रोंकाइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें फेफड़ों में मौजूद ब्रोन्कियल ट्यूब्स के परत में सूजन आ जाती है | यह सूजन कई तरह के जीवाणु, वायरल संक्रमण या फिर किसी एलर्जी के कारण बन सकता है | अधिकतर मामलों में यह सूजन वायुमार्ग के कम होने के कारण उत्पन्न होता है | यह संकुचन सांस लेने के दौरान परेशानी को खड़ा कर सकता है | इसके आलावा सूजन के कारण श्लेष्म का भी बहुत अधिक मात्रा में उत्पादन होता है | संकीर्ण वायुमार्ग फेफड़ों के अंदर जमा करने के लिए श्लेष्म से श्लेष्म को दूर करने में असमर्थ हो जाते है |
ब्रोंकाइटिस दो अलग-अलग रूपों में हो सकती है, हल्की या फिर पुरानी ब्रोंकाइटिस, बदलते मौसम के दौरान इससे अतिरिक्त सावधान रहना बेहद ज़रूरी होता है और इस दौरान इस बात का भी सुनिश्चित करना चाहिए, ठंडा होने पर ब्रोन्कियल भड़क न जाएं | कई बार क्या होता है की ब्रोंकाइटिस शरीर में एलर्जी प्रतिक्रियाओं के कारण उत्पन्न होता है, जो ज्यादातर पराग, धुल, पेंट के कारण होता है | आइये जानते है ब्रोंकाइटिस के लक्षण क्या है :-
ब्रोंकाइटिस के मुख्य लक्षण क्या है ?
- श्वास या फिर थूक का खांदा और उत्पादन ब्रोंकाइटिस, यह दो सबसे आम लक्षण है |
- ज्यादा दिनों तक खांसी का रहना
- घरघराहट की आवाज़ आना
- तेज़-बुखार या फिर कंपकंपी वाली ठंड लगना
- 3 या फिर उससे भी ज़्यादा दिनों तक तेज़ बुखार का रहना
- गाढ़ा या फिर पीला-हरा बलगम होना
- खांसी के साथ-साथ बलगम का आना
- सांस लेने में कठिनाई या फिर सीने में दर्द होना
ब्रोंकाइटिस के मुख्य कारण क्या है ?
- तीव्र ब्रोंकाइटिस आमतौर पर वायरस के कारण उत्पन्न होता है | यह वही वायरस होता है जो ज्यादातर सर्दी लगने और फ्लू के कारण बनता है | ये बैक्टीरिया के संक्रमण या फिर सांस के ज़रिए शरीर में जाने वाले भौतिक रासनायिक कारकों के कारण भी हो सकता है |
- क्रोनिक ब्रोंकाइटिस होने का सबसे अहम कारण होता है सिगरेट का पीना, इसके अलावा वायु प्रदूषण या फिर काम का माहौल भी इसमें अपनी अहम भूमिका को निभा सकता है |
- क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के लिए कम से कम तीन महीने तक लगातार बलगम वाली खांसी होती है |
ब्रोंकाइटिस का होम्योपैथिक में कैसे किया जाता है इलाज ?
अब अगर ब्रोंकाइटिस के इलाज की बात करें तो होम्योपैथी उपचार को सबसे प्रभावी उपचार माना जाता है | वास्तव में यह ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाएं सबसे होनहार प्रणाली होता है | होम्योपैथिक दवाएं ब्रोंकाइटिस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक बहुत ही विश्वसनीय और सुरक्षित उपचार के रूप में भूमिका अदा करते है |
यह बात तो सभी जानते है की होम्योपैथिक दवाओं से पीड़ित मरीज़ को किसी भी तरह के दुष्प्रभाव को झेलना नहीं पड़ता और यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में सक्षम होते है | ब्रोंकाइटिस के होमियोपैथी उपचार में किसी भी तरह के दमन की कोई संभावना भी नहीं होती | ब्रोंची से श्लेष्म को निकालने में खांसी काफी मददगार होता है | इससे गले में मौजूद बलगम को आसानी से चयनित होम्योपैथिक दवाओं का सहायता लेकर बाहर की तरफ निकाल दिया जाता है | खांसी, सीने में दर्द से लेकर सांस लेने में कठिनाई ताक लगभग सभी विकार समाप्त हो जाते है |
ब्रोंकाइटिस छाती से जुड़ा एक आम संक्रमण की तरह होता है, जिसका होम्योपैथिक दवाओं के ज़रिये बहुत ही आसानी से इलाज किया ज सकता है | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति ब्रोंकाइटिस की समस्या से पीड़ित है और कई एलॉपथी संस्थानों में इलाज करवाने के बावजूद आपकी स्थिति पर किसी भी तरह का सुधार नहीं आ रहा है तो बेहतर यही है की आप किसी होम्योपैथिक विशेषज्ञ के पास जाएं और अपनी समस्या का इलाज करवाएं | इलाज के लिए आप डॉक्टर सोनल जैन से भी मुलाकात कर सकते है |
डॉक्टर सोनल हीलिंग विद होम्योपैथी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सोनल जैन मुंबई के बेहतरीन होम्योपैथिक स्पेशलिस्ट में से एक है, जो पिछले 18 वर्षो से अपने मरीज़ों का होम्योपैथिक उपचार के ज़रिये स्थिरता से इलाज कर रही है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही डॉक्टर सोनल हीलिंग विद होम्योपैथी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी नियुक्ति को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संपर्क कर अपनी नियुक्ति की बुकिंग करवा सकते है |