आज का लेख हमने खास उन लोगों के लिए तैयार किया है, जो होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन कर रहें। क्युकि बहुत से ऐसे लोग भी होंगे जिन्हें ये पता ही नहीं की होम्योपैथिक दवाई बनती कैसे है इसका फायदा कितनी देर में होगा और इसका सेवन कैसे करना है।
तो वही कुछ को इसके बारे में सामान्य जानकारी होती है जिसके कारण वो इस दवाई का सेवन करने लगते है और ऐसे वो इसलिए करते है क्युकि इस दवाई का कोई नुकसान नहीं है इसलिए, तो वही आज हम शुरू से लेकर आखिर तक बताएंगे की आखिर है क्या होम्योपैथिक;
होम्योपैथिक क्या है ?
- अनेक वैज्ञानिक प्रमाणिक्ता के बावजूद भारत सहित अनेक विकासशील देशों मे होमियोपैथी सबसे सस्ते उपचार का महत्वपूर्ण अंग बना हुआ है।
- भारत में तो त्वचा रोग, बच्चों के रोग , मानसिक स्वास्थ्य और अन्य रोगों में होमियोपैथिक दवाइया काफी फायदेमंद है।
- होम्योपैथिक चिकित्सा के अनुसार शरीर की बीमारी को ठीक करने की क्षमता होती है।
- होम्योपैथिक दवाई का असर बेशक धीमा है पर जब ये अपना असर दिखाना शुरू करती है तो ये व्यक्ति की बीमारी का खात्मा जड़ से कर देता है।
होम्योपैथिक के बिल्कुल शुरुआती दौर के बारे में जानने के लिए आप मुंबई में होम्योपैथिक डॉक्टर का भी चयन कर सकते है।
होम्योपैथिक दवा कैसे बनती है ?
- होम्योपैथिक दवाई पौधों, जानवरों और खनिजों जैसे विभिन्न स्रोतों से बनाई जाती हैं। वही ये दवाई बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय फार्माकोपिया में निर्धारित दिशानिर्देशों को ध्यान में रखा जाता हैं। दूसरी तरफ होम्योपैथिक दवाएं सुरक्षित और गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं से मुक्त मानी जाती हैं।
- इसके अलावा इस दवाई को बनाने के लिए और किन-किन बातो का ध्यान रखा जाता है और इसको कैसे बनाया जाता है के बारे में जानने के लिए आप मुंबई में होम्योपैथिक क्लिनिक के अंदर जाकर देख सकते है।
होम्योपैथिक में कौन-सी बीमारी के इलाज शामिल है ?
- एलर्जी का इलाज।
- डेंगू बुखार का इलाज।
- गुर्दे की पथरी।
- साइनसाइटिस।
- हीमोफीलिया।
- दस्त और मुंह के छाले का इलाज।
- मधुमेह की बीमारी का इलाज।
होम्योपैथिक दवाई को कैसे लेना चाहिए ?
- इसकी दवाई को हाथ से न छुए बल्कि डिब्बी के ढकन में डालकर सीधा मुँह में डाले।
- फिर इसे निगलने व चबाने की बजाय चूसकर ही खाएं क्योंकि दवा का असर जीभ के जरिये होता है। दवा खाने के 5-10 मिनट बाद तक कुछ न खाएं। वही होम्योपैथी दवाओं का असर इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज का रोग एक्यूट है या क्रॉनिक। ऐसा इसलिए क्युकि एक्यूट रोगों में यह 5 से 30 मिनट और क्रॉनिक बीमारियों में यह 5 से 7 दिन में असर दिखाना शुरू करती है।
होम्योपैथिक दवाई लेते वक़्त क्या परहेज करें ?
- होम्योपैथिक दवा लेने से आधे घंटे पहले और दवा लेने के आधे घंटे बाद तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए। और जब दवा ले तो मुंह को अच्छी तरह साफ करके दवा सीधे मुंह में डाले। वही ट्रीटमेंट के दौरान ज्यादा गंध वाले फूड्स (जैसे हींग) से परहेज करें।
सुझाव :
यदि आप भी अपनी बीमारी का जड़ से खात्मा करना चाहते है, तो इसके लिए आप डॉ सोनल्स होम्योपैथिक क्लिनिक से होम्योपैथिक दवाई की शुरुआत जरूर से करें।
निष्कर्ष :
क्या है होम्योपैथिक दवाई और ये कैसे असर दिखाती है इसके बारे में हम उपरोक्त बता चुके है तो अगर आप होम्योपैथिक से अपना इलाज करवाने के बारे में सोच रहे है तो इसके लिए उपरोक्त बातो का जरूर ध्यान रखें।