आज के समय में, डायबिटीज जैसी समस्या लोगों में काफी ज्यादा आम हो गयी है। मधुमेह या फिर डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसका कोई सटीक इलाज नहीं है। इस बीमारी को सिर्फ दवाओं, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है। इस तरह की बीमारी में, लोगों के शरीर में शुगर की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ने लग जाती है, और इस तरह की स्थिति को कंट्रोल करने वाला हार्मोन (इंसुलिन) की पैदावार कम होने लगती है। आम तौर पर, डायबिटीज जैसी समस्या से पीड़ित मरीजों को लगातार भूख लगना, थकान, काफी ज्यादा प्यास लगना, अत्यधिक पेशाब, मुंह का सूखना, घाव का ठीक न होना और लगातार धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण नज़र आ सकते हैं। आपको बता दें, कि अगर समय पर ब्लड शुगर जैसी समस्या को कंट्रोल नहीं किया जाता है, तो इसके कारण शरीर के अन्य अंगों को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसलिए मधुमेह या फिर डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी को कभी भी नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके लक्षण नज़र आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा इस तरह की समस्या के लक्षणों को कम करने के लिए कई अंग्रेजी दवाएं उपलब्ध है। इसके साथ ही, कुछ लोगों का मानना है कि होम्योपैथी भी मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं, कि कौन से होम्योपैथिक उपचार मधुमेह को नियंत्रित करने की क्षमता रखते हैं?
डायबिटीज और होम्योपैथी
दरअसल, होम्योपैथी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जिसका इतिहास 200 साल से भी पुराना है। आमतौर पर, इसे होम्योपैथिक दवा के नाम से भी जाना जाता है। असल में, इसका इस्तेमाल कई मरीजों के इलाज के लिए किया जाता है। आपको बता दें, कि होम्योपैथी इस बात को काफी ज्यादा बढ़ावा देती है, कि किसी भी बीमारी के लक्षणों का इलाज प्राकृतिक पदार्थों से किया जा सकता है। ऐसे में, आपको यह ध्यान रखना चाहिए, कि अगर आप मधुमेह के इलाज के लिए होम्योपैथी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इस उपचार को प्राप्त करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
डायबिटीज के लक्षणों के लिए होम्योपैथिक उपचार
आमतौर पर, होम्योपैथिक उपचार मिनरल्स, पौधों, या फिर जानवरों से प्राप्त किये जाते हैं और इन सभी को प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। डायबिटीज के लिए होम्योपैथिक उपचार इस प्रकार हैं:
- काला आलूबुखारा
ऐसा माना जाता है, कि काला आलूबुखारा में, मधुमेह के लक्षणों जैसे अत्यधिक प्यास, कमजोरी, त्वचा के छाले और अत्यधिक पेशाब का इलाज करने की क्षमता होती है।
- कोनियम हेमलॉक
हेमलॉक एक जहरीले पौधे की तरह होता है, जिसके रस का इस्तेमाल कई दवाइयाँ बनाने में किया जाता है। दरअसल, कोनियम हेमलॉक के इस्तेमाल से, डायबिटिक न्यूरोपैथी, या नर्व डैमेज जैसी समस्याओं का इलाज करने में मदद प्राप्त होती है।
- प्लंबम (लेड)
दरअसल, लेड एक धातु की तरह होता है, जिसका इस्तेमाल कई तरह की दवाओं को बनाने में किया जाता है। यह हाथ और पैरों में सुन्नता, नसों में दर्द और टिनिटस जैसे डायबिटीज के लक्षणों के इलाज में सहायता करता है।
- मैरीगोल्ड
दरअसल, फूल का यह पौधा सिर्फ घर की सुंदरता को ही नहीं बढ़ाता है, बल्कि इस पौधे का इस्तेमाल, कई तरह की दवाइओं को बनाने में भी किया जाता है। आम तौर पर, ऐसा माना जाता है, कि यह पौधा डायबिटीज के लक्षण जैसे कि अल्सर के इलाज में भी काफी ज्यादा मदद कर सकता है।
निष्कर्ष
मधुमेह या फिर डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसका कोई सटीक इलाज नहीं है। इस बीमारी को सिर्फ दवाओं, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को लगातार भूख लगना, अत्यधिक पेशाब, मुंह का सूखना, घाव का ठीक न होना और लगातार धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण नज़र आ सकते हैं। डायबिटीज के लक्षणों के लिए काला आलूबुखारा, कोनियम हेमलॉक, प्लंबम (लेड) और मैरीगोल्ड जैसे होम्योपैथिक उपचार काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। अगर समय पर ब्लड शुगर जैसी समस्या को कंट्रोल नहीं किया जाता है, तो इसके कारण शरीर के अन्य अंगों को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसलिए इस समस्या के लक्षण नज़र आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही अगर आप मधुमेह के इलाज के लिए होम्योपैथी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इस उपचार को प्राप्त करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है, या फिर आपको भी डायबिटीज जैसी कोई समस्या है और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप आज ही डॉ. सोनल हीलिंग विथ होम्योपैथी क्लिनिक में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में इस के डॉक्टर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।