दरअसल, आज के समय में लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिस के इलाज के लिए उन्हें अलग-अलग तरह की दवाइयां लेनी पड़ती हैं। लेकिन कहीं न कहीं हम यह भी अच्छे तरीके से जानते हैं, कि हम जितना ज्यादा दवाओं का सेवन करेंगे या फिर उन पर निर्भर रहेंगे, उनके साइड इफ़ेक्ट का खतरा उतना ही बढ़ेगा। दरअसल, यही एक बहुत बड़ा कारण होता है, कि सभी डॉक्टर कभी भी खुद से किसी भी तरह की कोई भी दवा का सेवन करने की सलाह प्रदान नहीं करते हैं।
आम तौर पर, आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें, कि इस में सिर्फ आधुनिक दवाएं ही नहीं शामिल होती हैं, बल्कि होम्योपैथिक दवाएं भी कुछ इसी तरीके की होती हैं। दरअसल, अगर आप इन खुराक का सेवन निर्धारित सीमा से ज्यादा करते हैं, या फिर डॉक्टर की सलाह या फिर इजाजत के बिना ही इन दवाओं का सेवन करते हैं, तो इसकी वजह से आपके लिवर पर काफी ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
आम तौर पर, इस तरह की स्थिति में कुछ लोगों को लगता है, कि बिना डॉक्टर की इजाजत के होम्योपैथी दवा का सेवन करना पूरी तरीके से सुरक्षित होता है, पर उन लोगों के लिए यह दवाएं काफी ज्यादा हानिकारक साबित हो सकती हैं, जिनका लिवर या फिर किडनी पहले से ही खराब होती हैं। इस तरह की स्थिति में, ज्यादातर उन लोगों को ध्यान रखने की जरूरत होती है, जिन को लिवर से जुड़ी कोई समस्या होती है। अगर, लिवर के मरीज होम्योपैथिक दवाओं को लेना चाहते हैं, तो उनको इन 4 बातों का ध्यान रखना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, जिसमें लिवर की जांच करवाना, पानी की पूर्ति का ध्यान रखना, डॉक्टर से अच्छे से जानकारी लेना और कोई समस्या महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह पर दवाओं को तुरंत छोड़ना शामिल होता है। आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से और विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
लिवर के मरीजों को होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करने से पहले इन 4 बातों का ध्यान रखना चाहिए
- पहले लिवर की जांच करवाएं
आम तौर पर, किसी भी तरह की या फिर कोई भी दवा का सेवन करने या फिर उस दवा की शुरुआत करने से पहले डॉक्टर दुआरा एक बार पहले लिवर फंक्शन की जांच कराने की सलाह प्रदान की जाती है। क्योंकि जिस केमिकल कंपोजिशन से इन दवाओं का निर्माण किया जाता है, दरअसल इन का पूरा प्रोसेस लिवर से ही होकर गुजरता है। इसलिए, होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करने से पहले अपने लिवर की जांच करवाएं।
- पानी की पूर्ति का ध्यान रखें
हालांकि, होम्योपैथिक दवाओं में भी अलग-अलग तरह के कंपोजिशन पाए जाते हैं, जो प्रभाव दिखाने के बाद शरीर से बाहर निकल जाते हैं। अगर, शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी न दिया जाये, तो दवा में मौजूद केमिकल शरीर में लंबे समय तक बैठ सकते हैं और शरीर को बुरे तरीके से प्रभावित कर सकते हैं।
- डॉक्टर से अच्छे से समझ लें
दरअसल, जब भी आपका होम्योपैथिक इलाज शुरू होता है, तो आपको उसी दौरान, डॉक्टर से दवाओं के बारे में अच्छे तरीके से जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि होम्योपैथिक दवाओं की खुराक ज्यादा या फिर लंबे समय तक लेने से लिवर बुरी तरीके से प्रभावित हो सकता है।
- दिक्कत महसूस होने पर तुरंत छोड़ दें
आपको बता दें कि, इन सभी बातों का ध्यान रखने के बाद भी होम्योपैथिक दवाओं की वजह से होने वाले इफेक्ट पर निगरानी रखना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। आम तौर पर, अगर दवाओं का सेवन करने के बाद भी आपको शरीर में किसी भी तरह का कोई बदलाव या फिर तकलीफ दिखाई देती है, तो आपको इन दवाओं का सेवन बंद करके तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
निष्कर्ष:
लोगों को अपनी जिंदगी में, कभी न कभी किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसके इलाज के लिए वह तरह तरह की दवाओं का सेवन करते हैं। इसके अलावा, दवाओं का ज्यादा सेवन और उन पर निर्भरता से साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर कभी भी खुद से किसी भी तरह की दवा का सेवन करने की सलाह नहीं देते हैं। इसमें, आधुनिक दवाओं के साथ -साथ होम्योपैथिक दवाएं भी शामिल होती हैं। हालांकि, होम्योपैथिक दवाओं को काफी ज्यादा सुरक्षित माना जाता है, पर इसका गलत तरीके से इस्तेमाल या फिर ज्यादा सेवन लिवर के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर लिवर के मरीज होम्योपैथी दवाओं का सेवन करना चाहते हैं, तो उनको पहले लिवर टेस्ट कराने, पानी की पूर्ति का ध्यान रखने, डॉक्टर से अच्छे से जानकारी लेने और कोई समस्या महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह पर दवाओं को तुरंत छोड़ने जैसी विशेष बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी या फिर अगर आपको भी इस स्वस्थ से जुडी कोई समस्या है, जिसका आप होम्योपैथिक तरीके से समाधान चाहते हैं, तो आप आज ही डॉ. सोनल होम्योपैथिक क्लिनिक में जाकर इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।