बवासीर की समस्या होने पर गुदा एवं मलाशय के निचले भाग की रक्तवाहिनियों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण व्यक्ति को काफी दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ता है। पर इस परेशानी से आप निजात पा सकते है। क्युकि इस बीमारी का इलाज एलोपैथी में तो था ही पर अब होम्योपैथिक में भी आप इसका इलाज पा सकते है, तो शुरुआत करते है इस लेख की ;
बवासीर की बीमारी क्या है ?
बवासीर या पाइल्स एक ऐसी बीमारी है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के एनस (गुर्दे) के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से एनस के अंदरूनी हिस्से या बाहर के हिस्से में स्किन जम जाती है, जो बाद में मस्से जैसी बन जाती है और इसमें से कई बार खून निकलने के साथ ही दर्द भी होता है। इस समस्या को ही बवासीर की बीमारी के नाम से जाना जाता है।
बवासीर की बीमारी की शुरुआत कैसे होती है ?
बवासीर में क्या खाना चाहिए ?
बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए ?
बवासीर रोगियों को लाल हो या हरी मिर्च, दोनों को खाने से परहेज करना चाहिए। मिर्च का अधिक सेवन मरीज की दर्द और जलन की समस्या को और बढ़ा सकता है। बवासीर में दूध का सेवन भी न करे।
बवासीर को ठीक करने में होम्योपैथिक दवाई कौन–सी है ?
निम्न होम्योपैथिक दवाई बवासीर में है, कारगर;
यदि आप भी बवासीर की समस्या से निजात पाना चाहते है, तो बवासीर ठीक करने की होम्योपैथिक दवाई का जरूर से प्रयोग करे।
उपचार क्या है होम्योपैथिक का ?
उपरोक्त दवाई के बारे में हमने बता ही दिया है, तो इन दवाइयों का प्रयोग जरूर से करे पर डॉक्टर के सलाह पर। अगर आप इन दवाइयों का ही सही तरीके से प्रयोग करते है, तो आपको इस बीमारी से आराम मिल सकता है।
इसके इलावा अगर इस बीमारी से निजात पाने के लिए किसी हॉस्पिटल या क्लिनिक का चुनाव करना चाहते है, तो डॉ सोनल्स होम्योपैथिक क्लिनिक के डॉक्टर से जरूर संपर्क करे।
निष्कर्ष :
बवासीर की बीमारी से यदि आप निजात पाना चाहते है, तो उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखें और इससे निजात पाने के लिए किसी अच्छे होम्योपैथिक चिकित्सक का जरूर से चुनाव करें।