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पीसीओएस (PCOS) को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय कैसे सहायक है ?

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में एक आम अंतःस्रावी विकार है, जो हार्मोनल असंतुलन की विशेषता है जो अनियमित मासिक धर्म, अत्यधिक बाल विकास और प्रजनन संबंधी समस्याओं जैसे विभिन्न लक्षणों को जन्म देता है। जबकि चिकित्सा हस्तक्षेप मौजूद है, कई व्यक्ति पीसीओएस लक्षणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए घरेलू उपचार भी तलाशते है, तो चलिए जानते है की इसको ठीक करने के लिए घरेलू उपाय के साथ होम्योपैथिक उपचार कैसे सहायक है ;

पीसीओएस में घरेलू उपचारों की क्या भूमिका है ?

घरेलू उपचारों को अक्सर चिकित्सा उपचारों का पूरक माना जाता है और लक्षणों को कम करने और समग्र कल्याण में सुधार करने की उनकी क्षमता के लिए उपयोग किया जाता है।

आहार संशोधन : 

प्राथमिक रणनीतियों में से एक आहार संबंधी आदतों में बदलाव करना है। संपूर्ण खाद्य पदार्थों को शामिल करने, परिष्कृत शर्करा और कार्बोहाइड्रेट को कम करने और फाइबर का सेवन बढ़ाने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, जो पीसीओएस वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।

नियमित व्यायाम : 

पीसीओएस के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना मौलिक है। व्यायाम वजन प्रबंधन में सहायता करता है, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है और हार्मोनल उतार-चढ़ाव को संतुलित करने में मदद करता है।

हर्बल सप्लीमेंट : 

कुछ व्यक्तियों को दालचीनी, पुदीना चाय और मेथी जैसे हर्बल सप्लीमेंट के माध्यम से राहत मिलती है। इन्हें संभावित रूप से मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने का सुझाव दिया गया है।

तनाव प्रबंधन : 

तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है। योग, ध्यान और गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसे अभ्यास तनाव के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकते है, जो पीसीओएस वाले व्यक्तियों के समग्र कल्याण में योगदान करते है।

पर्याप्त नींद : 

उचित नींद की स्वच्छता महत्वपूर्ण है। पर्याप्त आराम हार्मोन विनियमन और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करता है, पीसीओएस लक्षणों के प्रबंधन में सहायता करता है।

घरेलू उपचारों का असर :

घरेलू उपचार पीसीओएस के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते है। हालांकि यह कोई निश्चित इलाज नहीं है, फिर भी ये अक्सर लक्षणों से राहत प्रदान करते है और समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में सहायता करते है।

आहार परिवर्तन : 

संपूर्ण खाद्य पदार्थों, सब्जियों, दुबले प्रोटीन और स्वस्थ वसा पर ध्यान केंद्रित करने वाला आहार इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते है। कम चीनी और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट वजन प्रबंधन और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में सहायता कर सकते है।

नियमित व्यायाम : 

एरोबिक गतिविधियों और शक्ति प्रशिक्षण जैसे व्यायाम न केवल वजन प्रबंधन में मदद करते है, बल्कि इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार करते है, जिससे पीसीओएस लक्षणों की गंभीरता कम हो जाती है।

हर्बल सप्लीमेंट्स : 

कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स, हालांकि सार्वभौमिक रूप से समर्थित नहीं है, कुछ व्यक्तियों में आशाजनक दिखे है। उदाहरण के लिए, दालचीनी और मेथी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकते है, और पुदीना चाय संभावित रूप से अतिरिक्त बालों के विकास को कम कर सकती है।

तनाव प्रबंधन : 

तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाता है। ध्यान, योग या माइंडफुलनेस जैसी तकनीकें तनाव के स्तर को काफी कम कर सकती है और परिणामस्वरूप, पीसीओएस के लक्षणों को कम कर सकती है।

पर्याप्त नींद : 

गुणवत्तापूर्ण नींद हार्मोन विनियमन और समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते है, जो पीसीओएस लक्षणों के प्रबंधन में योगदान करती है।

यदि आप होम्योपैथिक तरीके से अपना उपचार करवा रहें है, तो इसके लिए आपको उपरोक्त्त उपायों को अपनाने से पहले एक बार मुंबई में होम्योपैथिक डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।

होम्योपैथिक तरीके से पीसीओएस का इलाज कैसे संभव है ?

  • मानव शरीर पूरी तरह से बीमारी से मुक्त होने के लिए प्रकृति से पूरी तरह सक्षम है। यह केवल तब होता है जब प्रतिरक्षा या अपने स्वयं के आंतरिक जीवनशक्ति निकल जाती है कि शरीर की रोग मुक्त रखने के लिए असमर्थ हो जाता है इसलिए होमियोपैथी उस जीवन शक्ति का संतुलन बहाल करने की कोशिश करता है जो एक बार जीवनशैली अपने मूल संतुलन को पुनः प्राप्त कर लेता है, यह बिना किसी बाहरी सहायता के स्वयं उपचार करके खुद स्वास्थ्य में सुधार ला सकते है।
  • होम्योपैथिक दवाएं हार्मोनल असंतुलन को सही करती है और इसके नकारात्मक प्रभावों की बेअसर करती है।
  • यूएसजी श्रोणि की दोहराकर, उपचार शुरू करने के 3 से 6 महीने के बाद, अगले चरण में अल्सर को धीरे-धीरे भंग किया जा सकता है।
  • माहवारी चक्र नियमित हो जाता है। चेहरे पर मुँहासे और बाल वृद्धि सहित अन्य शिकायतों को भी ध्यान में रखा जाता है।
  • भविष्य में महिलाओं की गर्भधारण करने के लिए प्रजनन क्षम होने की संभावना की खीलता भी उपस्थित है।    

पीसीओएस का इलाज होम्योपैथिक तरीके से करवाने के लिए आपको मुंबई में होम्योपैथिक क्लिनिक का चयन करना चाहिए।

सुझाव :

आयुर्वेद से लेकर होम्योपैथिक तक हर बीमारी और समस्या का इलाज काफी अच्छे से मिल जाता है। वहीं अगर आप होम्योपैथिक तरीके से पीसीओएस का इलाज करवाना चाहती है, तो इसके लिए आपको डॉ. सोनल होम्योपैथिक क्लिनिक का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

घरेलू उपचार पीसीओएस लक्षणों के प्रबंधन में संभावित लाभ प्रदान करते है, यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं भिन्न हो सकती है। इन उपचारों का उपयोग अक्सर चिकित्सा उपचार और जीवनशैली में संशोधन के साथ किया जाता है। पीसीओएस के प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत और व्यापक दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ परामर्श आवश्यक है। इन घरेलू उपचारों को पेशेवर चिकित्सा मार्गदर्शन के साथ एकीकृत करके, व्यक्ति लक्षणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और अपने जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में सक्रिय कदम उठा सकते है। और इस कदम में होम्योपैथिक उपचार भी कारगर साबित होते है।

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A Comprehensive Guide To Understand Cause And Symptoms Of Polycystic Ovarian Syndrome

PCOD and PCOS are common problems in today’s era. Every second, a woman is suffering from this problem. These problems occur when your diet is not proper. Ayurvedic, allopathic and homeopathic medicines can cure every problem. PCOS can be treated by homeopathy. Even Homeopathic treatments are much more effective. There is not any exact cure for PCOS.

What are Homeopathic treatments?

Homeopathy is an alternative medicine. These medicines are useful to excite the healing response. It provides strength to the body to heal itself. It is a holistic system of medicine. These medicines are based on the theory of treatment. Homeopathic medicines are beneficial for long-lasting treatment. These medicines have no side effects on the body. Dr. Sonal Jain is the best homeopathic doctor in Mumbai. 

Polycystic ovarian syndrome

The full form of PCOS is polycystic ovarian syndrome. In this condition, the androgen is released in high amounts. The ovaries produce progesterone and estrogen hormones. These hormones help in regulating the menstrual cycle. These hormones produce small amounts of hormones like inhibin, relaxin, and androgens. Androgen is a male hormone. There are 25% of women who suffer from this in the world. 

Symptoms of PCOS

There are a few symptoms. 

  • Excessive hair growth on body and hair 
  • Leads to heart trouble
  • Risk of diabetes

PCOS is a serious condition. Chemical-based medicines and surgical treatments are the basic treatment for PCOS.

Polycystic ovarian disease

PCOD is when women with PCOS produce higher amounts of male hormones than normal. This imbalance of hormones causes irregularity in menstrual periods and makes it harder for them to get pregnant.

Symptoms 

The symptoms of Polycystic ovarian disease. The symptoms are as follows: 

  • The patient felt excessive hair loss 
  • Patients can gain abnormal weight 
  • Infertility
  • PCOD causes irregularity in the menstrual cycle.

Common signs of Polycystic ovarian syndrome and Polycystic ovarian disease

There are some common signs of PCOS and PCOD. some females can feel the symptoms at the first stage of the problem, and some do not feel any sign 

  • Irregularity in the menstrual cycle. irregular menstrual cycle is known as Oligomenorrhea
  • Face Skipped or absence of menstruation. Skip-in periods are called Amenorrhea
  • Heavy bleeding during menstrual and this is called Menorrhagia
  • Excessive Hair growth on the face, body and acne  
  • Abnormal Weight gain
  • loss of hair 
  • Darkness in skin 

Cause the PCOD/ PCOS

The PCOS and PCOD affects the women’s ovaries. The cause of PCOS is not known. The cause of PCOD and PCOS 

  • Excessive production of insulin:  The level of insulin in the body is excessive. The excessive production of androgen can cause ovulation difficulty.
  • Excessive production of androgen: The ovaries release an abnormal amount of androgen hormones that can lead to acne and hair growth on the face and body
  • Inflammation is Low-graded: Women with PCOS have low-grade inflammation that increases the levels of production of androgen. It can cause blood vessels and heart problems.
  • Heredity: Females with PCOS lead to a certain genetic correlation. 

Complication under PCOS and PCOD 

PCOS and PCOD can cause complicated problems. Females are aware of the PCOS and PCOD complications. The list of the complication is as follow 

  • Bleeding in uterine 
  • Non-alcoholic steatohepatitis(NASH)
  • Metabolic syndromes
  • Diabetes of type 2
  • Birth of premature eggs
  • Thick uterine lining causes endometrial cancer
  • Pregnancy loss (Miscarriage) 
  • Depression and anxiety
  • Sleeping issues 

Treatment 

With chemical-based medicines, home remedies are also useful to prevent PCOS. Gynecologists give you proper medicines like clomifene. Medicines do them, but You should also do exercise at home to manage your weight. Take a healthy and proper diet. Limiting the consumption of carbohydrates. Sometimes, according to the conditions, doctors also do surgeries and laparoscopic treatments.

Many people prefer to take homeopathic medicines instead of allopathic medicine. Homeopathic medicines are risk-free. There are many homeopathic clinics. Dr. Sonal Jain runs the best homeopathic clinic in Mumbai.

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Which homemade remedies are helpful to control the problem of PCOS?

Polycystic ovary syndrome is one of the biggest enemies of women that push them towards the menses cycle regularization, growth of small cysts in women’s ovaries, and so on. The Homeopathic Doctor in Mumbai states that this issue affects almost seven percent of females worldwide. Some masses also know it as Stein-Leventhal syndrome and polycystic ovarian syndrome. This problem arises due to the overgrowth of male hormones (which also exist in women but small quantities) in women’s bodies. If something similar is happening with you, you must opt for the Polycystic Ovarian Disease Treatment.

Furthermore, with this problem, women have more risk of developing blood pressure, type-2 diabetes mellitus, heart diseases, uterus cancer, etcetera. To control this problem, you must mend your diet & lifestyle habits and regular exercise, etcetera. Although there is no perfect cure that eradicates this issue, you can strive to manage it with homeopathic medications. For further information, visit the Homeopathic Clinic in Mumbai.

What are the sources of PCOS?

The root cause of PCOS is not yet known, but scientists claim that it has a profound link with insulin resistance in which your body may not be able to develop sufficient amounts of insulin and will not utilize it. Doctors also relate the following factors with the problem of PCOS. These are:

  • Male hormones: Under the impact of PCOS, the female body produces high amounts of androgens or male hormones that cause heavy growth of facial hair in women, ups and downs in their period cycle, acne, pimple problems etcetera.
  • Insulin resistance: All credit goes to the insulin resistance that led to the issue of PCOS, but the actual reason behind this is still hidden.
  • Increased body weight: In some women, PCOS leads to excessive weight gain. However, many ladies lose their heavyweight instantly under Stein-Leventhal syndrome. You may see some women may lead to obesity after passing through their poverty cycle. This is not sure, but some may consider that fast food items play a role in this trouble.
  • Family history: If someone, whether your sister, mother or grandmother, is dealing with PCOS or diabetes type-2. There is more risk of passing these signs from one generation to another.

What problems can you face under the issue of PCOS?

  • Ups and downs in the regular menstrual cycle.
  • Obesity and sudden weight increase.
  • The massive growth of hair on the face, thighs, chest, and stomach apart from the scalp.
  • Sometimes women experience amenorrhea (no periods, even for months together).
  • Sleep apnoea (breathing issues while sleeping) and insomnia.
  • Acne appearance along with oily skin.
  • Infertility even after having treatment.
  • Pain in the pelvic area (the area of the cervix, uterus, vagina, and fallopian tubes).
  • Scalp hair breaking, thinning, and baldness.
  • Thickened skin patches.

Which home medications can help to control PCOS?

Although the condition of PCOS does not have any particular cure that mitigates it adequately, you can manage it by taking some home remedies readily available in your kitchen. These are:

● Mulethi.
● Cinnamon.
● Nirgundi or chasteberry.
● Chamomile tea.
● Flaxseeds.
● Turmeric.
● Aloe vera gel.
● Omega three supplements or fish oil